जन्माष्टमी (Janmashtami 2025) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक बहुत ही प्रसिद्ध और पवित्र त्यौहार है। इसे देश भर में धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के उपलक्ष में यह त्यौहार खुशी के साथ मनाया जाता है। इस बार 16 अगस्त को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाने वाला है।
इस खास दिन पर तुलसी की पूजन का भी विशेष महत्व माना गया है। दरअसल, तुलसी भगवान विष्णु की प्रिय है और उनके बैग में इसे जरूर रखा जाता है। यही कारण है कि इस दिन तुलसी से जुड़े गलतियां बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। चलिए हम आपको इस दिन पूजन के कुछ नियम बता देते हैं।
बाल बांध कर तुलसी पूजन
जन्माष्टमी के दिन महिलाओं को अपने बालों को बांधकर ही तुलसी पूजन करना चाहिए। खुले बाल में की गई पूजन सही नहीं मानी गई है इसलिए इस बात का ध्यान रखें। इसी के साथ काले कपड़े नहीं पहने क्योंकि पूजन के लिहाज से यह शुभ नहीं होता।
शाम को ना छुएं तुलसी
जन्माष्टमी के समय शाम को कभी भी तुलसी को नहीं छूना चाहिए। दरअसल तुलसी पूजन हम उसे माता लक्ष्मी का रूप मानकर करते हैं। अगर शाम के वक्त उसे छुआ जाता है तो यह माता लक्ष्मी को नाराज करने के बराबर है।
ना तोड़े तुलसी
जन्माष्टमी के दिन कभी भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। यह दिन जितना श्री कृष्ण की पूजन के लिए महत्वपूर्ण है उतना ही माता तुलसी की पूजन के लिए भी खास है। यही कारण है इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।
पूजन कर करें परिक्रमा
जन्माष्टमी पर तुलसी माता की पूजन जरूर करें। उनके सामने हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना मांगे ताकि आपकी इच्छा पूरी हो सके। कभी भी तुलसी की परिक्रमा करना ना भूलें।
साफ सफाई का ध्यान
जन्माष्टमी के दिन अगर आप श्री कृष्णा और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो तुलसी के आसपास साफ सफाई का ध्यान रखें। अगर आसपास गंदगी रहती है तो माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं इसलिए इस दिन विशेष तौर पर सफाई करें।
इन भगवानों का उच्चारण
तुलसी पूजन करते समय आपको भगवान श्री कृष्ण के चार नाम गोपाल, गोविंद देवकीनंदन और दामोदर का उच्चारण जरूर करना चाहिए। श्री कृष्ण के अनेकों नाम में से एक है और तुलसी के सामने किया गया इनका उच्चारण व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि लेकर आता है।
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