Fri, Dec 26, 2025

पाकिस्तान में है एकलौता शक्तिपीठ, अमरनाथ से कठिन है यहां की यात्रा

Written by:Ayushi Jain
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पाकिस्तान में है एकलौता शक्तिपीठ, अमरनाथ से कठिन है यहां की यात्रा

Hinglaj Mata : देवी सती के कुल 51 शक्ति पीठ मौजूद है। दरअसल देवी सती के अंग जिन जिन स्थानों पर कटकर गिरे थे उन सभी जगहों को शक्ति पीठ माना जाता है। ज्यादातर शक्ति पीठ भारत के अलग-अलग राज्यों में मौजूद है। लेकिन 1 शक्तिपीठ पाकिस्तान में भी मौजूद है। आज हम आपको पाकिस्तान के एकलौते शक्तिपीठ हिंगलाज माता के बारे में बताने जा रहे हैं। हिंगलाज माता की यात्रा अमरनाथ की यात्रा से भी ज्यादा कठिन है। चलिए जानते हैं विस्तार से –

कहा जाता है कि हिंगलाज माता के दर्शन करने जाने वाले यात्रियों को काफी ज्यादा नियमों का पालन करना पड़ता है। यहां माता अपने बच्चे के साथ अगर जाती है तो वह अपनी बोतल का पानी तक उसे नहीं पिला सकती। भले ही उसका बच्चा पानी की एक-एक बूंद के लिए क्यों ना तड़प जाए लेकिन उसे पानी उसकी मां नहीं दे सकती। चलिए जानते हैं उसके पीछे की मान्यता क्या है-

ऐसी है मान्यता 

मान्यताओं के मुताबिक, पिता प्रजापति दक्ष के यज्ञ में पिता महादेव का अपमान सहन नहीं कर पाने की वजह से देवी सती ने आत्मदाह कर लिया था। ऐसी के दुख में महादेव ने देवी सती का शव उठाकर तांडव करना शुरू किया था। जिसके बाद भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र के प्रहार से देवी सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए थे, जो अलग-अलग जगहों पर जाकर गिरे।

जिसके बाद वहां शक्तिपीठ स्थापित हुआ ऐसे में पाकिस्तान में भी 1 शक्तिपीठ स्थापित हुआ जो लसबेला कस्बे में स्थित है। मंदिर का नाम हिंगलाज माता मंदिर है। यहां देवी सती का सर गिरा था। इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा है। यहां मुस्लिम हो या हिंदू सभी सर झुका कर ही आगे बढ़ते हैं। हिंगलाज माता मंदिर की यात्रा अमरनाथ से भी ज्यादा कठिन बताई गई है। मंदिर तक पहुंचने के लिए दूर-दूर तक फैले रेगिस्तान के जंगलों को पार करके जाना पड़ता है।