जेठ मास को हिन्दू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह तीसरा महीना है। इस दौरान निर्जला एकादशी गंगा दशहरा और अन्य कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। समय दान-पुण्य और पूजा-पाठ के लिए उचित होता है। जल संरक्षण का प्रावधान भी होता है। सूर्यदेव, भगवान विष्णु समेत कई देवी-देवताओं की पूजा भी की जाती है।
13 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है। इसका समापन 11 जून बुधवार को होने वाला है। इस दौरान कुछ ग्रहों की पूजा- अराधना करना बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली में नवग्रहों की स्थिति मजबूत होती है। जीवन की कई परेशानियों से छुटकारा मिलता है। बिगड़े काम भी बनते हैं। मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। आइए जानें किन ग्रहों की पूजा करें?
राहु-केतु की पूजा शुभ (Jyeshtha Month 2025)
ज्येष्ठ माह में छाया ग्रह राहु और केतु की विधिवत पूजा-अर्चना करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान राहु और केतु के बीज मंत्रों जाप जरूर करें। राहु को तेल, सरसों, मिश्री अर्पित करें। वहीं केतु को काले चने, काले कपड़े और तिल को चढ़ाना ना भूलें। ऐसा करने से सफलता के प्रबल योग बनेंगे। सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
शनिदेव की पूजा करें
ज्येष्ठ माह शनि देव की पूजा अर्चना करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इस महीने शनि जयंती भी मनाई जाती है। मान्यताएं हैं ऐसा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है। इनकम में वृद्धि होगी। जीवन की बाधाएं खत्म होती है। शनि जयंती के दिन शनिदेव के मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना जरूर करें। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। भूरे या नीले रंग के वस्त्र धारण करें। शनि देव को सरसों तेल, काले तिल, काले चने, गुड से बने पकवान इत्यादि का भोग अर्पित करें, पूजा के दौरान बीज मंत्रों का जाप करें। आरती के साथ पूजा का समापन करें।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)





