Kaal Sarp Dosh Upay : कालसर्प दोष, गुरु चांडाल दोष, अंगारक दोष, और मंगल दोष ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण माने जाते हैं और यह दोष व्यक्ति के जीवन में विभिन्न प्रकार की परेशानियों का कारण बन सकते हैं। कालसर्प दोष के निवारण के लिए विशेष उपायों का पालन किया जा सकता है, जैसे की पूजा, दान, तप और मंत्र जप करना होता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इससे बचाव के उपाय बताएंगे, जिन्हें अपनाकर आपकी सारी समस्याएं खत्म हो जाएगी।

जानें क्या है कालसर्प दोष?
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, कालसर्प दोष एक अवस्था है जिसमें शुक्र और शनि ग्रहों के बीच केतु और राहु ग्रह के स्थानांतरण से उत्पन्न होता है। इसे कालसर्प योग भी कहा जाता है। आधार कालसर्प योग में केतु ग्रह पिछले ग्रह के आगे होता है, जबकि पूर्ण कालसर्प योग में केतु ग्रह पिछले ग्रह के पीछे होता है।
उपाय
- मंगल ग्रह की पूजा: कालसर्प दोष के उपाय के रूप में, मंगल ग्रह की पूजा और उसके मंत्र का जाप किया जा सकता है।
- निवारण: कालसर्प दोष के निवारण के लिए केतु और राहु की पूजा की जा सकती है। इसके लिए पंडित या ज्योतिषी की सलाह ली जा सकती है।
- दान: दान करना भी कालसर्प दोष को शांत करने का एक उपाय हो सकता है। दान करते समय, जातक को अपने आवश्यक्तानुसार वस्त्र, अन्न, धन और अन्य वस्त्रादि की दान करना चाहिए।
- तप: तप करना भी कालसर्प दोष के निवारण का एक उपाय हो सकता है। तप के रूप में व्रत रखना, ध्यान करना और ध्यान की प्रार्थना करना शामिल हो सकता है।
- यज्ञ और हवन: कालसर्प दोष के उपाय के रूप में यज्ञ और हवन करना भी लोकप्रिय है। इसके लिए पंडित या ज्योतिषी की सलाह ली जा सकती है।
- अनुष्ठान: कुछ विशेष पूजा अनुष्ठान को भी कालसर्प दोष के निवारण के लिए किया जा सकता है, जैसे कि कालसर्प दोष निवारण पूजा।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)