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Sat, Dec 20, 2025

कामिका एकादशी पर करें गोपाल स्तोत्र का पाठ, संतान सुख में आ रही हर बाधा होगी दूर

Written by:Bhawna Choubey
Published:
अगर संतान प्राप्ति में आ रही है रुकावट या आप चाहते हैं स्वस्थ, संस्कारी और भाग्यशाली संतान, तो इस कामिका एकादशी पर संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना बेहद फलदायी माना गया है। ये दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के साथ आपकी हर मनोकामना को पूरा करने का अवसर है।
कामिका एकादशी पर करें गोपाल स्तोत्र का पाठ, संतान सुख में आ रही हर बाधा होगी दूर

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है, लेकिन साल में आने वाली 24 एकादशियों में से कामिका एकादशी का अपना अलग ही महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से पापों का नाश होता है और मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं।

अगर किसी दंपति को लंबे समय से संतान नहीं हो रही है या संतान से जुड़ी कोई समस्या बनी हुई है, तो उन्हें कामिका एकादशी के दिन विशेष रूप से संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस स्तोत्र में भगवान श्रीकृष्ण से संतान सुख की कामना की जाती है और यह पाठ संतान प्राप्ति के लिए बहुत ही प्रभावी माना गया है।

गोपाल स्तोत्र का पौराणिक महत्व

संतान गोपाल स्तोत्र भगवान श्रीकृष्ण के बालरूप को समर्पित है, जिसमें भक्त संतान सुख की प्रार्थना करते हैं। यह स्तोत्र ना केवल भावनाओं को मजबूत करता है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी लाभ देता है।

पुराणों में उल्लेख है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से स्त्री-पुरुष दोनों की मानसिक शुद्धि होती है और संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं धीरे-धीरे दूर हो जाती हैं। इस स्तोत्र में श्रीकृष्ण के बाल रूप की स्तुति कर उनसे एक योग्य, स्वस्थ और संस्कारी संतान की प्रार्थना की जाती है।

कामिका एकादशी पर पाठ क्यों है विशेष फलदायी

कामिका एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित दिन माना जाता है। इस दिन व्रत रखने, दान करने और विशेष मंत्रों का जाप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। अगर इस दिन कोई भक्त संतान गोपाल स्तोत्र का विधिपूर्वक पाठ करता है, तो उसे विशेष संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।

कामिका एकादशी पर संतान गोपाल स्तोत्र पढ़ने के नियम इस प्रकार हैं

  • सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लें
  • भगवान विष्णु या बाल गोपाल की मूर्ति/चित्र के सामने दीपक जलाकर पूजा करें
  • संतान गोपाल स्तोत्र का श्रद्धापूर्वक 11 बार पाठ करें
  • अंत में भगवान को तुलसी और मक्खन का भोग अर्पित करें
  • इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल स्तोत्र पाठ को और अधिक प्रभावशाली बना देता है।

स्तोत्र पाठ से जुड़े अनुभव और आस्था की शक्ति

हज़ारों महिलाएं और पुरुष जो निसंतान होने के कारण मानसिक तनाव में थे, उन्होंने इस स्तोत्र का नियमित पाठ किया और परिणामस्वरूप उन्हें संतान प्राप्त हुई। कुछ उदाहरणों में संतान गोपाल स्तोत्र को गर्भावस्था के दौरान भी पढ़ा गया और इससे न केवल संतान प्राप्ति, बल्कि स्वस्थ और सकारात्मक विकास में भी सहायता मिली। वर्तमान समय में जहां मेडिकल साइंस भी कई बार सीमित साबित होती है, वहां श्रद्धा और विश्वास से किया गया यह आध्यात्मिक उपाय संजीवनी का कार्य करता है।