सावन का महीना शुरू होते ही पूरे देश में शिव भक्तों की गूंज सुनाई देने लगी है। इस पवित्र अवसर पर कावड़ यात्रा 2025 (Kanwar Yatra 2025) की शुरुआत हो गई है, जिसमें लाखों शिवभक्त गंगाजल लेकर अपने अपने शहरों के शिवालयों की ओर रवाना हो रहे हैं। ख़ास तौर पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस बार कांवड़ियों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
हरिद्वार , गढ़मुक्तेश्वर, काशी और प्रयागराज जैसे तीर्थ स्थलों से जल भरने के बाद कांवड़िये सड़कों पर बोल बम के जयकारों के साथ कंधों पर कावड़ उठाए चल पड़े हैं। इस बार यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या काफ़ी ज़्यादा बतायी जा रही है, जिसको देखते हुए प्रशासन ने बड़े स्तर पर सुरक्षा और सुविधा के इंतज़ाम किए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में रूट डायवर्जन और विशेष ट्रैफिक प्लान लागू
राजधानी दिल्ली में कावड़ यात्रा के लिए अलग से ट्रैफ़िक प्लान बनाया गया है। उत्तर पूर्वी और बाहरी ज़िलों में कई रूट डायवर्ट किए गए हैं। पुलिस ने जगह जगह कावड़ शिविरों के पास CCTV कैमरे, ड्रोन सर्विलांस और बैरिकेडिंग लगायी है ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके। इसके साथ ही दिल्ली ट्रैफ़िक पुलिस ने जनता से अपील की है की यात्रा के दौरान चिन्हित रास्तों से बचें और ऑप्शन वाले रास्तों का उपयोग करें। मेट्रो और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवाएँ भी बढ़ायी गई है।
यूपी में लाखों कांवड़िए हरिद्वार और गढ़मुक्तेश्वर से रवाना
वहीं उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद, मेरठ, मुज़फ़्फ़रनगर और बागपत जैसे ज़िलों से गुज़रने वाले कावड़ मार्गों पर इस बार क़रीब पाँच करोड़ शिव भक्तों के शामिल होने की उम्मीद जतायी जा रही है। राज्य सरकार ने सभी ज़िलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम, स्वास्थ्य शिविर और डायल 112 सेवा को एक्टिव रखा है। इसके अलावा कावड़ पथ पर LED लाइटिंग, मिस्ट फोगर्स और मेडिकल वैन जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ख़ुद अधिकारियों को सतर्क रहने और हर कांवड़ियों को सुविधा देने के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार में 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की संभावित भीड़
इसके अलावा हरिद्वार जो कि कांवड़ यात्रा का मुख्य केंद्र है, वहाँ इस बार 3,करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुँचने की उम्मीद जतायी जा रही हैं। उत्तराखंड पुलिस, ITBP और NDRF की टीम में मुस्तैद है। हर की पौड़ी समेत अन्य घाटों पर स्नान के लिए अलग अलग टाइम स्लॉट और बायो टॉयलेट, मेडिकल स्टाफ़ और फ़्री वॉटर डिस्पेंसरी की व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड सरकार ने इस बार कांवड़ियों के लिए ई रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य किया गया है, जिससे उनकी पहचान और ट्रैकिंग आसानी से की जा सके। साथ ही ड्रोन से भीड़ पर निगरानी रखी जा रही है।





