कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को, बन रहें कई अद्भुत संयोग, पवित्र नदियों ने करें स्नान, इन चीजों का करें दान, माँ लक्ष्मी होंगी प्रसन्न

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Kartik Purnima 2023: 27 नवंबर सोमवार को को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। सनातन धर्म में इसका बेहद ही खास महत्व होता है। इस दिन लोग गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। दान करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी की जाती है। मान्यताएं हैं इस दिन स्नान-दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। पाप से मुक्ति मिलती है।

बन रहें कई शुभ योग

इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर स्वार्थ सिद्धि योग और द्विपुष्कर योग के साथ-साथ कृतिका नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। इन शुभ योगों के कारण कारण पवित्र नदियों में स्नान करने पर 10 गुना पुण्य प्राप्त होगा।

इन चीजों का करें दान

कार्तिक पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की प्रिय चीजों का दान करने से लाभ होता है। इस दिन दूध का दान करें। ऐसा करने से घर में खुशहाली आती है। इसके अलावा अन्य सफेद चीजों का दान करना भी शुभ माना जाता है। संध्या काल में दूध का दान न करें। वस्त्र दान करने से आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। आय में वृद्धि होती है। इस दिन जरूरतमंदों को अन्न का दान करें। मान्यताएं हैं ऐसा करने से समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। पदोन्नति के योग बनते हैं। घर में सदैव देवी लक्ष्मी का वास होता है।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं और अन्य माध्यम पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News