Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा का महत्व है क्योंकि इस समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्ति के लिए शुभ दिन माना जाता है।
कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु देवी लक्ष्मी की आराधना करके अपने घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना करते हैं और चंद्रमा को अर्घ देकर मानसिक शांति प्राप्त करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन लक्ष्मी पूजा के साथ चंद्रमा के विशेष मित्रों का जाप करना भी फ़लदायी माना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी पूजन की सरल विधि
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा एक विशेष महत्व रखती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद शुद्ध वस्त्र पहने और पूजा स्थल को स्वच्छ करें। फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें। सबसे पहले मां लक्ष्मी का स्नान कराएं, फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और सुंदर श्रृंगार करें, चंदन से तिलक लगाकर कलावा अर्पित करें।
मां लक्ष्मी को अर्पित करें भोग और करें आरती
इसके बाद मां लक्ष्मी को अक्षत, कौड़ी, चांदी के सिक्के और अन्य सामग्रियां अर्पित करें। खीर का भोग लगाएं और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। पूजा के बाद घी के दीपक में कलावे की बत्ती जलाकर मां की आरती करें और प्रसाद बांटे। आखिर में मां लक्ष्मी से सुख समृद्धि और मानसिक शांति की प्रार्थना करें। यह पूजा न केवल घर में सुख समृद्धि लाती है। बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी करती है।
चंद्र पूजन से पाएं मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन शाम के समय चंद्रमा के उदय होने पर तांबे या स्टील के लोटे में जल भरकर उसमें दूध मिलाएं और लोटे के ऊपर कलावा बांधे। फिर चंद्रमा को अर्घ्य दें और चंद्रमा के मत्रों का जाप करें। इस पूजा के साथ मनोकामना व्यक्त करते हुए चंद्रदेव से प्रार्थना करें।
ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य देने से मानसिक शांति में वृद्धि होती है, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। इसके साथ ही जीवन में सुख शांति आती है, और रोगों से मुक्ति मिलती है, जिससे जीवन में संतुलन और सकारात्मक बनी रहती हैं।