आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान में भी एक ऐसा पवित्र स्थल है, जो भगवान शिव से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह स्थान है कटास राज मंदिर, जहां स्थित एक तालाब को लेकर मान्यता है कि वह भगवान शिव के आंसुओं से बना है। जब माता सती ने आत्मदाह किया था, तब शोक में डूबे शिवजी के नेत्रों से आंसू निकले और उन आंसुओं से यह पवित्र तालाब बना।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित यह प्राचीन स्थल हिंदू धर्म की आस्था का केंद्र है। कटास राज मंदिर और उसके समीप स्थित तालाब को लेकर कई रहस्यमयी और ऐतिहासिक कहानियां प्रचलित हैं। आज भी यहां श्रद्धालु पहुंचते हैं, और मानते हैं कि इस तालाब में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं।
कहां है कटास राज मंदिर और तालाब?
कटास राज मंदिर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में साल्ट रेंज की पहाड़ियों में स्थित है। यह स्थान प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म का तीर्थस्थल रहा है। यहां एक सुंदर और शांत वातावरण में भगवान शिव का विशाल मंदिर, एक पवित्र सरोवर यानी तालाब, और कई अन्य छोटे मंदिर मौजूद हैं।
यह जगह “कटाक्ष कुंड” नामक जलाशय के लिए प्रसिद्ध है, जिसके बारे में मान्यता है कि यह भगवान शिव के आंसुओं से बना है। माता सती के शरीर को लेकर जब शिवजी तांडव करते हुए जा रहे थे, तब दुख में डूबे उनके नेत्रों से दो आंसू गिरे एक भारत में पुष्कर (राजस्थान) और दूसरा कटास (अब पाकिस्तान) में।
तालाब का धार्मिक महत्व और मान्यताएं
कटास राज मंदिर का यह तालाब ना सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि इस पवित्र तालाब में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप मिट जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सदियों से इस तालाब का जल कभी नहीं सूखा था, लेकिन आधुनिक समय में इस क्षेत्र में पानी के अधिक दोहन और फैक्ट्रीज के कारण इसके जलस्तर में गिरावट आई है। बावजूद इसके, इसका महत्व आज भी कम नहीं हुआ है।
दुनियाभर के श्रद्धालु आते हैं दर्शन करने
कटास राज मंदिर को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है। विशेषकर महाशिवरात्रि के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस स्थान पर पहुंचते हैं। पाकिस्तान सरकार ने भी इस धार्मिक स्थल को संरक्षित करने की पहल की है और इसे एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में मान्यता दी गई है।
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय तीर्थयात्रियों को भी इस स्थल पर जाने की अनुमति मिली है, जिससे इस स्थान का महत्व और अधिक बढ़ गया है। भगवान शिव के भक्त इस जगह को बेहद पवित्र मानते हैं और इसे दर्शन करने मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति मानते हैं।





