Mahamrityunjay Mantra का जाप करते वक्त इन नियमों का रखें ध्यान, रोगों से मिलेगी मुक्ति

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Mahamrityunjay Mantra

सावन का महीना चल रहा है और सावन (Sawan) के महीने का पहला सोमवार (Sawan Somwar) आज है। इस पूरे महीने को काफी ज्यादा पवित्र माना जाता है। इस महीने में भक्त भोलेनाथ को खुश रखने के लिए और अकाल मृत्यु और रोगों से मुक्ति पाने के लिए महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra) का जाप करते हैं।

यह मंत्र के जाप मात्र से ही लोग रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। इतना ही नहीं इससे जीवन पर आई बड़ी समस्याएं भी दूर हो जाती है।महामृत्युंजय का जाप करने से अकाल मृत्यु का डर भी खत्म होता है। आपको बता दें सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

इस मंत्र का जाप करना बेहद लाभप्रद माना गया है। मान्यताओं के मुताबिक इस मंत्र के जाप करने के वक्त कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है जो भूलकर भी नहीं करनी चाहिए। वहीं अगर आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते समय यदि दूध में निहारते है और बाद में उस दूध का सेवन करते है तो ऐसा करने से यौवन की सुरक्षा प्राप्त होती है।

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लेकिन इस मंत्र का जाप कुछ चीजों को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। खासकर इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए। आज हम आपको इस मंत्र के जाप करते वक्त किन नियमों का पालन करना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र के जाप करते वक्त कौन से नियमों का पालन करना चाहिए –

इन नियमों का करें पालन –

  • मान्यताओं के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते वक्त स्पष्ट रूप से उच्चारण करना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। इसलिए हमेशा इस मंत्र के शब्दों के उच्चारण की शुद्धि का ध्यान आप लोग रखें।
  • इसके अलावा जाप करते वक्त माला से ही जाप करें और 108 बार जाप करना काफी ज्यादा शुभ माना गया है। अगर माला से जाप नहीं किया जाए तो वह फल प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए रोजाना सुबह उठकर सबसे पहले रुद्राक्ष की माला से ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • वहीं अगर आप पहले दिन साफ करने के बाद दूसरे दिन जाप करने जा रहे हैं तो पहले दिल से कम जाप बिल्कुल भी ना करें और पूरा जाप करने के बाद ही उठे बीच में ना उठे।
  • इस बात का भी जरूर ध्यान रखें कि आप अगर महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर रहे हैं तो आपके स्वर होठों से बाहर नहीं आना चाहिए। धीमे स्वर में और आराम से मंत्रों का जाप आपको करना होगा।
  • जाप करते वक्त यह बात ध्यान में रखें कि आपको रुद्राक्ष की माला को गौमुखी से ढककर रखना होगा।
  • जाप करने से पहले भोलेनाथ के सामने एक दीप प्रज्वलन करें। जब तक वह दीप जलता रहे तब तक आपको महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करना ही है।
  • जब भी आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें तो इस बात का ध्यान रखें कि आपके सामने शिव जी की प्रतिमा तस्वीर शिवलिंग या कुछ यंत्र पास में होना चाहिए।
  • इस मंत्र का जाप हमेशा कुशा के आसन पर बैठकर ही करना चाहिए। वहीं महामृत्युंजय का जाप करते समय आपको यह बात ध्यान में रखना है कि पूजा पाठ करते वक्त आपका मुंह पूर्व दिशा में हो।
  • इस मंत्र के जाप को आपको एकांत में और शांत जगह में बैठकर ही करना है। इस मंत्र के जाप करते वक्त आप शिवलिंग पर जल अभिषेक भी कर सकते हैं।
  • इस मंत्र का जाप करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि आपका मन इधर उधर ना भटके। आप सिर्फ मंत्र पर ही ध्यान दें और भोलेनाथ की भक्ति पर ध्यान दें।
  • जब भी आप इस मंत्र का जाप कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उस दिन आपको तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना है। तामसिक चीजों में मांस मदिरा लहसुन प्याज और अन्य चीज शामिल होती है।

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Ayushi Jain

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