हिन्दू धर्म में खरमास को एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। जब सूर्योदय धनु यह मीन राशि में गोचर करते हैं तब खरमास की शुरुआत होती है। मार्च 2025 में खरमास की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है, जो सूर्यदेव धनु राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़, यह एक ऐसा समय होता है, जब तमाम प्रकार की शुभ कार्यों जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करने आदि पर रोक लग जाती है।
इस अवधि में सूर्य देव की ऊर्जा को कमज़ोर माना जाता है। यह ऐसा समय होता है जब भगवान सूर्य की पूजा, जप तप, दान पुण्य करना बहुत शुभ माना गया है। यही कारण है कि इस अवधि में, भक्त भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं और सेवा कार्यों पर ज़्यादा ध्यान देते हैं। इस अवधि में सूर्य की आराधना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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कब से शुरू होगा खरमास? (Kharmas 2025)
ज्योतिष गणना के अनुसार देखा जाए तो, वर्तमान में सूर्य कुंभ राशि में स्थित है, 13 मार्च 2025 तक इसी राशि में रहेंगे। इसके अगले दिन ही 14 मार्च 2025 को सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी दिन से खरमास की शुरुआत हो जाएगी, खरमास की अवधि 14 अप्रैल 2025 तक चलेगी। इस दौरान सूर्य की ऊर्जा कमज़ोर हो जाती है, ऐसे में अगर आप शादी से जुड़ी ख़रीदारी या किसी शुभ कार्य करने की योजना बना रहे है, तो पहले खरमास की ज़रूरी नियमों को जानना बेहद ज़रूरी है।
खरमास के दौरान क्या करना चाहिए?
जैसा कि हमने आपको बताया कि खरमास की अवधि भगवान सूर्य की आराधना के लिए बहुत शुभ मानी जाती है, ऐसे में रोज़ाना सुबह नहाने के बाद भगवान सूर्य देव को जल अर्पित ज़रूर करना चाहिए। साथ ही साथ उनकी पूजा अर्चना भी करना शुभ माना गया है।
खरमास की अवधि के दौरान दान पुण्य का भी विशेष महत्व है, कोशिश करें कि ज़रूरत लोगों की ज़रूरतों को आप पूरी कर पाएँ। इस बात का ध्यान रखें कि दान पुण्य की ज़रूरत मंद और गरीबों को ही करना है, ताकि आपकी मदद से उनका काम बन जाए।
खरमास के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
जैसा कि हमने आपको बताया कि इस अवधि में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता है, ऐसे में इस अवधि के दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार, आदि कार्यों से बचना चाहिए, इस अवधि में किये गये ये शुभ कार्य शुभ फल नहीं देते हैं।
इतना ही नहीं इस अवधि के दौरान कोई भी नई चीज़ों को नहीं ख़रीदना चाहिए, फिर चाहे वह ज़ेवरात हो, घर प्रॉपर्टी हो, यहाँ भी कोई वाहन ही क्यों न हो। इन चीज़ों को ख़रीदना अशुभ माना गया है, इस अवधि में ख़रीदी गई चीज़ें बाद में भारी नुक़सान पैदा कर सकती है, इसलिए इस अवधि के दौरान इन नियमों का ज़रूर ध्यान रखें।
कैसे करें भगवान सूर्य देव को जल अर्पित?
खरमास की अवधि के दौरान, सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें, इसके बाद एक ताँबे का लोटा लें, उसमे साफ़ और ताजा जल भरें। फिर जल में लाल फूल और रोली मिलायें। इसके बाद भगवान सूर्य देव को जला अर्पित करें और भगवान सूर्य की किरणों की ओर ध्यान दें। जल अर्पित करने के दौरान ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप भी करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।