Kharmas 2024 : इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है, लेकिन साल के अंत में खरमास लग जाएगा। हिंदू धर्म में खरमास का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है, जो साल में दो बार लगता है। इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्यक्रम बंद हो जाते हैं। खरमास लगने के बाद लग्न भी खत्म हो जाते हैं। तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से समझते हैं कि खरमास कैसे लगता है और इस दौरान मांगलिक कार्यक्रम क्यों नहीं किए जाते हैं।
साल का पहला खरमास मार्च से अप्रैल के दौरान लगता है। वहीं, दूसरा खरमास साल के अंत में लगता है। इस समय अंतराल के बीच बहुत से ऐसे कार्य होते हैं, जिनका करना लोगों के जीवन में परेशानियों को दावत दे सकता है।
शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार, साल का दूसरा खरमास 15 दिसंबर को रात 10:19 पर लगेगा। इस दौरान सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जहां वह 14 जनवरी 2025 तक विराजमान रहेंगे।
क्यों लगता है खरमास?
ज्योतिष शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि सूर्य देव हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। ऐसे में जब वह बृहस्पति की राशि में धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तब खरमास की शुरुआत होती है। बता दें कि मार्च के महीने में सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तब साल का पहला खरमास लगता है। वहीं, साल के दूसरे खरमास की शुरुआत धनु राशि में प्रवेश करने के बाद लगती है।
पौराणिक कथा
अब मन में यह प्रश्न उठता है कि खरमास के दौरान मांगलिक कार्यक्रम क्यों नहीं किए जाते। पौराणिक कथाओं में इस बात का जिक्र किया गया है कि सूर्य देव को पृथ्वी का दाता माना जाता है। उनका ताप, उनकी गर्मी के बिना जीवन असंभव है। ऐसे में जब वह मीन या फिर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो उनका यह प्रभाव कम हो जाता है। इस कारण मांगलिक कार्यक्रम करना अशुभ माना जाता है। इसलिए लोग खरमास के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्यक्रम आयोजित नहीं करते हैं।
करें इनकी पूजा
जब खरमास चल रहा होता है, तब भगवान सूर्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके अलावा, आप भगवान विष्णु और शिव की पूजा कर सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए काफी ज्यादा लाभदायक माना जाता है। इससे व्यक्ति के ग्रहों की स्थिति सही हो जाती है। व्रत रखना भी जातकों को शुभ परिणाम दिलाता है।
ना करें ये काम
खरमास के दौरान कुछ कार्य ऐसे होते हैं, जिनका करना वर्जित माना जाता है। जिनमें मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन करने की मनाही होती है। इसके अलावा, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई जैसे शुभ कार्य भी नहीं करने चाहिए। इस दौरान नए कपड़े, संपत्ति, जमीन, आदि की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। वहीं, तामसिक भोजन का भी सेवन नहीं करना चाहिए। खरमास के दौरान लड़की या लड़का देखने भी नहीं जाना चाहिए। बहू-बेटियों की विदाई भी वर्जित है। ऐसा करने से उनके जीवन में तकलीफों का पहाड़ टूट सकता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)