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Sat, Dec 20, 2025

Kheer Bhawani Yatra : आज से शुरू हुई जम्मू में खीर भवानी यात्रा, सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम, हजारों श्रद्धालु होंगे शामिल

Written by:Rishabh Namdev
Published:
Kheer Bhawani Yatra : आज यानी 12 जून से खीर भवानी यात्रा का शुभारंभ हो गया है। खीर भवानी मंदिर कश्मीरी पंडितों के धार्मिक जीवन में अत्यधिक महत्व रखता है। जानकारी के अनुसार खीर भवानी वार्षिकोत्सव 14 जून को मनाया जाएगा।
Kheer Bhawani Yatra : आज से शुरू हुई जम्मू में खीर भवानी यात्रा, सुरक्षा के किए गए पुख्ता इंतजाम, हजारों श्रद्धालु होंगे शामिल

Kheer Bhawani Yatra : जम्मू में आज से खीर भवानी यात्रा का शुभारंभ हो गया है। दरअसल इस बार यात्रा में 8,400 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया है। वहीं कश्मीर की संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। रियासी जिले में तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले को ध्यान में रखते हुए, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

खीर भवानी यात्रा :

दरअसल जम्मू और कश्मीर के गंदेरबल जिले के तुलमुल गांव में स्थित खीर भवानी मंदिर में वार्षिक महोत्सव आयोजित होता है। जानकारी के अनुसार यह कश्मीरी पंडित समुदाय का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है, जिसमें माता खीर भवानी देवी को उनकी रक्षक देवी के रूप में पूजा जाता है। कश्मीरी पंडित इस वार्षिक यात्रा के दौरान अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित भाव से मनाते हैं।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए :

वहीं इस वर्ष यात्रा में 8,400 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए हैं। दरअसल कश्मीर के मौजूदा हालातों को देखते हुए, यात्रा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बीते रविवार को वैष्णो देवी मंदिर जा रही तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर, सुरक्षा बलों की तैनाती और बढ़ा दी गई है।

वार्षिकोत्सव की तैयारियां:

दरअसल माता खीर भवानी वार्षिकोत्सव 14 जून को मनाया जाएगा। वहीं हर साल ज्येष्ठ माह की अष्टमी तिथि को यह उत्सव आयोजित किया जाता है। खीर भवानी मेला कश्मीर के विभिन्न स्थानों – तुलमुल्ला, टिक्कर, माता त्रिपुरसुंदरी देवसर और खीर भवानी मंजगाम में आयोजित किया जाएगा।

जानकारी दे दें कि दो दिन के इस उत्सव में देश भर से कश्मीरी पंडित शामिल होंगे। श्रद्धालुओं को जम्मू से गंदेरबल जिले के तुलमुल्ला स्थित मंदिर तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए विशेष सुरक्षा काफिले की व्यवस्था की गई है। वहीं इस उत्सव के समाप्त हो जाने पर भी ऐसी ही सुरक्षा व्यवस्था लागू रह सकती है। मंदिर परिसर के आस-पास भी सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।