भारतीय घरों में रसोई को हमेशा से समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा केंद्र माना गया है। कहा जाता है कि रसोई की थाली जितनी भरपूर रहती है, घर में उतनी ही बरकत और खुशहाली बनी रहती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बरसों से चली आ रही कुछ घरेलू आदतें ही आपके घर की ऊर्जा को धीमे-धीमे कमजोर कर सकती हैं? खासकर तब, जब बात किचन से जुड़े सामानों को उधार लेने की हो।
कई बार अचानक घर में तनाव बढ़ने लगता है, पैसों की रुकावट आने लगती है या रिश्तों में खटास बढ़ती है, ऐसे में लोग इसे सामान्य मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। मगर वास्तु विशेषज्ञों (Vastu Tips) का मानना है कि रसोई से जुड़ी ऊर्जा बेहद संवेदनशील होती है, और यहां होने वाली छोटी सी चूक भी बरकत पर सीधा प्रभाव डालती है। इसी वजह से किचन से कुछ चीजें उधार लेना सख्त मना बताया गया है।
किचन और वास्तु का संबंध
रसोई केवल भोजन बनाने की जगह नहीं, बल्कि घर का ‘एनर्जी सेंटर’ यानी ऊर्जा चक्र माना जाता है। अग्नि तत्व, धातु तत्व और जल तत्व तीनों एक ही जगह मौजूद होते हैं और यही वजह है कि रसोई का वाइब्रेशन तुरंत बदलता है। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, किचन में मौजूद तेल, नमक, मसाले, अनाज और नुकीले उपकरण घर की ऊर्जा को सीधे प्रभावित करते हैं। इनका संतुलन बिगड़ते ही जीवन में संघर्ष, मानसिक दबाव और आर्थिक बाधाएं बढ़ने लगती हैं। उधार लिया गया सामान इस ऊर्जा को और कमजोर कर सकता है, क्योंकि उधार की वस्तुओं के साथ दूसरी जगह के वाइब्रेशन और कर्म भी आपके घर में प्रवेश करते हैं। चलिए देखते हैं किन चीजों से सबसे ज्यादा बचना चाहिए।
तेल को उधार लेना क्यों माना जाता है बड़ा वास्तु दोष?
तेल को भारतीय शास्त्रों में अग्नि तत्व और शनि का प्रतीक माना गया है। यह घर की आर्थिक ऊर्जा से लेकर स्वास्थ्य तक पर प्रभाव डालता है। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि उधार लिया गया तेल घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करवाता है। इससे रसोई का अग्नि तत्व कमजोर हो जाता है, जिससे बरकत और धन-संपत्ति में कमी आती है। कई बार परिवार के सदस्यों के बीच तनाव और अनचाहे विवाद भी बढ़ने लगते हैं।
तेल का संबंध कार्यक्षमता और कर्म से भी माना गया है, इसलिए इसे उधार लेने से व्यक्ति के जीवन में रुकावटें और बाधाएं पैदा हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार तेल जितना संवेदनशील है, उतनी ही तेजी से यह ऊर्जा को अपनी तरफ खींचता है। इसलिए इसे किसी के घर से उधार लाना या किसी को देना दोनों से ही बचना चाहिए। यहां एक दिलचस्प बात यह भी है कि उधार लिया गया तेल अग्नि तत्व की सामर्थ्य को कम करता है, जिसकी वजह से घर की लक्ष्मी ऊर्जा भी कम होती चली जाती है।
नुकीली चीजें उधार लेने से कैसे बढ़ती है नेगेटिव एनर्जी?
किचन में नुकीले उपकरण चाकू, कैंची, कद्दूकस और ब्लेड अक्सर इस्तेमाल होते हैं। लेकिन वास्तु में इनकी अपनी अलग भूमिका है। नुकीली वस्तुओं से ऊर्जा कटती है। यानी यह जगह की सकारात्मक शक्ति को कम करती हैं। अब सोचिए, जब इन्हें उधार लिया जाता है तो दूसरी जगह की नकारात्मक ऊर्जा भी साथ आ सकती है। वास्तु विशेषज्ञ बताते हैं कि नुकीली चीजें उधार लेने से घर में विवाद बढ़ते हैं। रिश्तों में कड़वाहट पैदा हो सकती है। अचानक तनाव, झगड़े, मानसिक बेचैनी या गुस्सा बढ़ सकता है। उधार की चीज़ घर की ऊर्जा को काटने लगती है, जिससे प्रेरणा, शांति और मानसिक स्थिरता कम हो जाती है।
नुकीली वस्तुएं जीवन में संघर्ष का प्रतीक मानी जाती हैं, इसलिए इन्हें उधार लेना अक्सर दुर्भाग्य और मनमुटाव का कारण बन सकता है। यदि बहुत जरूरी हो, तो विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उसके बदले में कुछ पैसे जरूर दे दें। इससे उधार का प्रभाव कम हो जाता है और वास्तु दोष से बचाव भी होता है।
नमक उधार लेने से क्यों बिगड़ती है रिश्तों की मिठास?
नमक को वास्तु और आयुर्वेद में शुद्धता, संतुलन और रिश्तों की मजबूती का प्रतीक माना गया है। यही वजह है कि किसी भी घर में नमक उधार देना या लेना अशुभ समझा जाता है। नमक उधार लेने से रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है। परिवार के सदस्यों के बीच गलतफहमियां बढ़ने लगती हैं। मनमुटाव और दूरी पैदा हो सकती है। घर का आर्थिक संतुलन बिगड़ सकता है। कई विशेषज्ञ बताते हैं कि नमक व्यक्ति के कर्मों और विचारों पर सीधा प्रभाव डालता है। उधार लिया गया नमक घर की सकारात्मक ऊर्जा को खींच लेता है और उसके स्थान पर तनाव, चिंता और मन की अशांति बढ़ा देता है। सबसे बड़ी बात उधार लिए नमक का उधार व्यक्ति के जीवन में और ज्यादा बढ़ने लगता है। यानी उधारी खत्म होने की बजाय बढ़ने लगती है। यह भी एक प्रमुख कारण है कि प्राचीन काल से नमक का उधार लेना वर्जित माना गया है।
किचन में उधार की चीजें वास्तु दोष कैसे पैदा करती हैं?
अब सवाल उठता है कि आखिर उधार लिया गया सामान इतना प्रभाव क्यों डालता है? इसका जवाब वास्तु विज्ञान की ऊर्जा थ्योरी में छिपा है। किचन में तीन मुख्य ऊर्जा मौजूद रहती हैं। अग्नि तत्व (स्टोव, गैस, तेल), जल तत्व (सिंक, पानी, नमक), वायु तत्व (मसाले, अनाज) ये मिलकर घर की ऊर्जा को संतुलित बनाते हैं। जब कोई उधार की वस्तु आती है, तो उसके साथ दूसरे घर का कर्म, ऊर्जा, वाइब्रेशन और भाव भी आपके घर में आ जाते हैं। अगर वह निगेटिव है, तो यह परिवार की खुशहाली और मन की शांति पर असर डाल सकती है। कई बार लोग बिना सोचे समझे छोटी-छोटी चीजें उधार ले आते हैं, और फिर धीरे-धीरे महसूस करते हैं कि काम बनते-बनते बिगड़ने लगते हैं, पैसों की रुकावट आ रही है, घर में अनबन बढ़ रही है, सेहत पर असर पड़ रहा है, मन भारी रहने लगा है, ऐसे में अक्सर इसका संबंध किचन की ऊर्जा से जुड़ा होता है, जिसे लोग समझ नहीं पाते।
क्या करें यदि गलती से उधार लेना पड़ जाए?
कई बार परिस्थिति ऐसी बन जाती है कि उधार लेना पड़ ही जाता है। ऐसे में विशेषज्ञ कुछ उपाय सुझाते हैं, उधार की वस्तु लेते वक्त उसके बदले में कुछ पैसे दे दें। सामान वापस करते समय नमक की चुटकी या मिठाई देना शुभ माना जाता है। घर में एक बार दीपक जलाकर किचन की ऊर्जा संतुलित करें। कोशिश करें कि उधार लेने की आदत न बने। इससे वास्तु दोष का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है।





