Mahamrityunjaya Mantra : “महामृत्युंजय” मंत्र भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख हिन्दू मंत्र है, जिसे महामृत्युंजय या त्र्यम्बकम् मंत्र भी कहा जाता है। यह मंत्र सार्थक रूप से मृत्यु से मुक्ति के लिए प्रार्थना करने के लिए जाना जाता है। महामृत्युंजय मंत्र को महादेव की आराधना और उनकी कृपा को प्राप्त करने के लिए बहुत अधिक प्रभावशाली माना जाता है। यह मंत्र शिव भक्तों द्वारा रोजाना जाप किया जाता है और उन्हें शांति और सुरक्षा की कामना करने का एक साधन होता है।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
बता दें कि यह मंत्र भगवान शिव की पूजा और मृत्यु से मुक्ति की कामना के लिए जपा जाता है। इसका अर्थ है, “हम उस त्रिनेत्र शिव की ओर बढ़ते हैं, जो सुगंध से युक्त हैं और जीवन को प्रचुर समृद्धि प्रदान करते हैं। हम उस आशीर्वादित पुरुषार्थ की ओर बढ़ते हैं, जो हमें मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिलाते हैं और हमें अमरता की प्राप्ति हो।”
ऐसे हुई रचना
पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि मृकण्डु भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे और उनकी कोई संतान नहीं थी। जिस कारण उन्होंने कठोर तपस्या की जिस भगवान शिव काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने ऋषि को संतान प्राप्ती का आशीर्वाद दिया। साथ ही यह भी बताया कि उनकी संतान अल्पायु तक ही जीवित रहेगी। इसके कुछ समय बाद उसे ऋषि के घर में एक पुत्र ने जन्म लिया। जिसका नाम मार्कण्डेय रखा गया जो कि अपने पिता की तरह ही महादेव का परम भक्त था। वह दिनभर उनकी भक्ति में लीन रहा करता था। वहीं, मार्कण्डेय के माता-पिता इस बात से सदैव दुखी रहते थे कि उनका पुत्र केवल 16 साल तक ही जीवित रहेगा। जिनके दुख को दूर करने के लिए मार्कण्डेय ने महामृत्युंजय मंत्र की रचना की और इसका अखंड जाप किया। फिर जब उसकी मृत्यु निकट आई तब यमदूत उसके प्राण को हरने वहां पहुंचे लेकिन शिव की भक्ति में उसे ली देखकर वह वापस चले गए। तब फिर यमराज वहां उसके प्राण हरने पहुंचे तो वह मार्कण्डेय शिवलिंग से लिपट गया, जिससे क्रोधित होकर भगवान शिव प्रकट हुए और मार्कण्डेय को दीर्घायु का वरदान दे दिया।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)