भगवान श्री कृष्ण का मोर पंख क्यों था खास? जानें इसका कुंडली से जुड़ा रहस्य

श्री कृष्ण का श्रृंगार हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है, मोर पंख को भगवान श्री कृष्ण के श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर भगवान श्री कृष्ण अपने मुकुट में मोर पंख क्यों लगाते थे, चलिए जानते हैं।

Bhawna Choubey
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Krishna Morpankh: भगवान श्री कृष्ण को कई चीज ऐसी हैं जो अत्यंत प्रिय है, जैसे बांसुरी, मोर पंख और कामधेनु गाय। मोर पंख भगवान श्री कृष्ण के श्रृंगार का एक हिस्सा है, मोर पंख के बिना भगवान श्री कृष्ण का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। हिंदू धर्म में मोर पंख को एक पवित्र और शुभ पक्षी का पंख माना जाता है।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, कि आखिर भगवान श्री कृष्ण सिर पर मोर पंख क्यों लगाया करते थे। श्री कृष्ण को मोरमुकुट धारी कहा जाता है, क्योंकि वे अपने मुकुट में मोर के पंख लगाए करते थे। बताया जाता है कि भगवान विष्णु के जितने भी अवतार हुए हैं, उनमें से केवल श्री कृष्ण ने ही मोर पंख को अपने मुकुट में सजाया था।

श्री कृष्ण क्यों धारण करते थे मोर पंख

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म कालसर्प दोष से प्रभावित कुंडली में हुआ था, मोर पंख पहनने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है। यही कारण है कि भगवान श्री कृष्ण अपने सिर पर मोर पंख धारण करते थे।

यह न केवल सुरक्षा का प्रतीक माना जाता था, बल्कि यह उनके जीवन में शांति और समृद्धि लाने का भी एक संकेत था। हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ मोर पंख को भी पूजनीय माना जाता है, मोर पंख के उपाय से कई प्रकार के वास्तु दोष को दूर किया जा सकता है।

क्या होता है कालसर्प दोष

कालसर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह एक ही दिशा में होते हैं और दूसरी दिशा में कोई ग्रह मौजूद नहीं होता है। जब ऐसा होता है तो इसे कालसर्प दोष कहा जाता है। इस दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती है, जैसे आर्थिक समस्या, मानसिक समस्या, स्वास्थ्य संबंधी समस्या या फिर अच्छे कामों में रुकावटें। हालांकि, इसका असर हर व्यक्ति पर अलग-अलग तरीके से पड़ता है।

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Bhawna Choubey

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