Hast Rekha Shastra : हस्तरेखा शास्त्र एक परंपरागत ज्योतिष शास्त्र है। जिसमें हाथ की रेखाओं का अध्ययन करके व्यक्ति के स्वभाव, व्यवहार और भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। इसका मूल उद्देश्य व्यक्ति की प्राकृतिक प्रवृत्तियों और व्यक्तिगत भावनाओं को समझने का प्रयास करना है। हाथ की रेखाओं के आधार पर विशिष्ट योग्यताओं, विकल्पों, समस्याओं और भविष्य में आने वाली घटनाओं के बारे पता लगाया जा सकता है।
चौकोर हथेली
हस्तरेखा शास्त्र में विभिन्न हाथ के आकारों को व्यक्ति के व्यवहार और स्वभाव के साथ जोड़कर विशेष विवरण दिया जाता है। चौकोर या समकोणिक आकार के हाथ वाले लोग दयालुता, स्वाभिमान और अच्छे चरित्र के होते हैं। इस प्रकार के हाथ वाले व्यक्ति की मानसिकता गंभीर और सोचने-समझने वाली होती है।
चौड़ी हथेली
हाथरेखा शास्त्र के अनुसार, यदि आपका कलाई के पास चौड़ी हथेली है तो इसे चमसाकर आकार का हाथ कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति आदर्शवादी, मेहनती होते हैं। साथ ही, कुशलता के साथ हर काम करने की क्षमता रखते हैं।
गठीले हाथ
हाथरेखा शास्त्र के अनुसार, यदि आपका हाथ लंबे और गठीले आकार का है तो इस दार्शनिक हाथ कहते हैं। दार्शनिक हाथ वाले व्यक्ति की विशेषता विवेकी और रचनात्मक प्रवृत्ति के साथ जुड़ी होती है जो आमतौर पर कला, साहित्य, विज्ञान आदि के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं।
लंबे और पतले हाथ
हस्तरेखा शास्त्र में जो हाथ मामूली लंबाई, चौड़ाई के होते हैं और जिनकी उंगलियों का ऊपरी हिस्सा पतला और निचला हिस्सा मोटा होता है, ऐसे हाथों को कलापूर्ण हाथ कहते हैं। कलापूर्ण हाथ वाले व्यक्तियों का विशेषता धन कमाने की क्षमता होती है लेकिन कार्यों को अधूरा छोड़ने की आदत भी होती है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, इस प्रकार के हाथ वाले लोग आमतौर पर काम को बीच में छोड़ देते हैं। जिससे उन्हें कई बार तकलीफ उठानी पड़ती है।
छोटी हथेली
हाथरेखा शास्त्र के अनुसार, छोटी हथेली वाले व्यक्तियों को सुखी जीवन और साफ मन की प्रवृत्ति का संकेत माना जाता है। वे भक्ति और ध्यान के प्रति आकर्षित होते हैं और नई चीजों की सीखने की प्रेरणा रखते हैं।
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