धर्म, डेस्क रिपोर्ट। आज से दिवाली की शुरुआत हो चुकी है। हिन्दू धर्म में धनतेरस (Dhanteras) का खास महत्व होता है। इस दिन बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। धनतेरस से ही लोग दिवाली की तैयारियां शुरू कर देते हैं। धनतेरस का त्यौहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है। पहले दिन शनि प्रदोष पर यम दीपदान होगा और दूसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि योग में भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना की जाएगी।
कहा जा रहा है कि इस बार धनतेरस का महामुहूर्त तीन गुना लाभकारी है। इतना ही नहीं आज के दिन झाड़ू से लेकर सोने-चांदी तक कर चीज खरीदना काफी शुभ माना जाता है। इस बार शुभ संयोग बनने की वजह से ये खरीदारी और भी ज्यादा फलदाई होने वाली है। आज हम आपको बताने जा रहे है कि धनतेरस क्यों मनाया जाता है। इसके पीछे की मान्यता क्या है। तो चलिए जानते हैं –
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मान्यताओं के अनुसार, समुंद्र मंथन के वक्त भगवान धन्वंतरि हाथों में कलश लिए समुंद्र से प्रकट हुए थे। तब कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि थी। दरअसल, धन्वंतरि भगवान को विष्णु का अंशवतार माना जाता है। इसलिए आज के दिन हर साल धनतेरस मनाई जाती है। इसको बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
आज से दिवाली की शुरुआत हो जाती है। आज का दिन धन और आरोग्य से जुड़ा होता है। इस दिन लोग वाहन, घर, संपत्ति, सोना, चांदी, बर्तन, कपड़े, धनिया, झाड़ू आदि खरीदते है। इसके काफी ज्यादा महत्व माना गया है। कहा जाता है कि आज के दिन खरीदारी करना अत्यंत शुभ होती है। ऐसा करने से धन और आरोग्य दोनों में वृद्धि होती है।
ज्योतिषों द्वारा बताया गया है कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी शनिवार दोपहर 3.03 बजे शुरू हो जाएगी जो कि रविवार शाम 5.20 तक रहेगी। दरअसल, दिवाली के त्यौहार में प्रदोषकाल की प्रधानता होती है। ऐसे में अगर पंचांग के अनुसार, देखें तो 22 अक्टूबर शनिवार को धनतेरस, 23 अक्टूबर रविवार को रूप चतुर्दशी और 24 अक्टूबर सोमवार को महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा।
22 के दिन खरीदारी के लिए मुहूर्त –
- शुभ: सुबह 7.50 से 9.15 और रात 8.55 से 10.30 बजे तक।
- चर: दोपहर 12.05 से 1.30 बजे तक।
- लाभ: दोपहर 1.31 से 2.55 और शाम 5.45 से 7.20 बजे तक।
- अमृत: दोपहर 2.55 से शाम 4.20 और रात 10.31 से 12.05 बजे तक।
23 के दिन खरीदारी और धन्वंतरि पूजन के लिए मुहूर्त –
- चर: सुबह 7.51 से 9.15 और रात 8.54 से 10.30 बजे तक।
- लाभ: सुबह 9.15 से 10.40 लाभ।
- अमृत: सुबह 10.40 से दोपहर 12.05 और शाम 7.20 से रात 8.54 बजे तक।
- शुभ: दोपहर 1.30 से 2.55 और शाम 5.44 से 7.20 तक।