Krishna Pingala Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में सभी संकष्टि चतुर्थी तिथियों का बेहद खास महत्व होता। यह तिथि प्रथम पूज्य देवता भगवान गणेश को समर्पित होता है। आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्ट दूर होते हैं साथ ही धन और समृद्धि में भी वृद्धि होती है। 7 जून को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। ब्रह्मा और महालक्ष्मी योग बन रहे हैं।
करें ये उपाय
- पूजा के दौरान भगवान गणेश को मोदक और गुड़ का भाव जरूर लगाएं। ऐसा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
- 17 दूर्वा घास को ॐ गण गणपतए नमः मंत्र के जाप के साथ भगवान गणेश को अर्पित करें। ऐसा करने से कष्ट दूर होते हैं।
- पूजा के दौरान गणपति बप्पा को सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं। साथ ही खुद भी तिलक लगाकर की पूजा करें।
- पूजा के दौरान पुष्प, दीप आदि चढ़ाएं ऐसा। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है। भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
- संकष्टी चतुर्थी व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद करें। इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
इन बातों का रखें ख्याल
संकष्टी चतुर्थी की पूजा के दौरान कुछ चीजों का सेवन करना वर्जित होता है। यदि आप भी व्रत रख रहे हैं तो कंदमूल या जमीन पर उगने वाले फलों का सेवन ना करें, जैसे कि गाजर मूली चुकंदर और शकरकंद आदि। पूजा के दौरान गणपति बप्पा को तुलसी दल चढ़ाने की गलती ना करें।
ऐसे करें पूजा
- कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ कपड़े धारण कर लें।
- पूजा स्थल को की साफ सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें।
- गणपति बप्पा का तिलक करें और पुष्प अर्पित करें।
- भगवान गणेश को दूर्वा की गाठ अर्पित करे
- उसके बाद भोग लगाएं।
- पूजा समाप्त होने के बाद आरती करें और क्षमा याचना करें।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता है।)