Tue, Dec 23, 2025

18 नवम्बर को मनाई जाएगी लाभ पंचमी, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
18 नवम्बर को मनाई जाएगी लाभ पंचमी, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Labh Panchami 2023 : लाभ पंचमी को सौभाग्य पंचमी और ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है जो कि खासतर से गुजरात में मनाया जाता है। यह पर्व पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन के महत्व को भारतीय संस्कृति में विवाह, सौभाग्य, शिक्षा, व्यापार और धर्मिक कार्यों के साथ जोड़ा जाता है। लाभ पंचमी का मुख्य उद्देश्य लोगों को लाभ और सौभाग्य प्राप्त करने की शुभकामनाएं देना है। यह दिन विशेष रूप से व्यवसाय करने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे इस दिन नए बिजनेस की शुरुआत करते हैं।

लाभ पंचमी के दिन लोग विभिन्न पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। साथ ही माता लाक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। यह दिन नए विवाहित जोड़ों के लिए बेहद खास महत्व रखता है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि…

शुभ मुहूर्त

बता दें कि लाभ पंचमी को 18 नवम्बर 2023 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी। कार्तिक माह की पंचमी तिथि 17 नवम्बर को सुबह 11 बजकर 03 मिनट पर प्रारंभ होगी और 18 नवम्बर को सुबह 09 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी। पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातःकाल 06 बजकर 46 मिनट से 10 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।

पूजा विधि

सामग्री

  • माता लक्ष्मी, श्री गणेश और शिव की मूर्ति
  • पूजा थाली
  • दीपक
  • धूप और दीप
  • अगरबत्ती
  • फूल, पुष्प माला और फूलों की माला
  • गंध पुष्प या चंदन लेप
  • अक्षत
  • गीता

पूजा की विधि

  • शुभ मुहूर्त में पूजा का आयोजन करें।
  • पूजा स्थल को सफाई और शुद्धि से तैयार करें।
  • पूजा की शुरुआत में माता लक्ष्मी, श्री गणेश और शिव की मूर्तियों को पूजा स्थल पर रखें।
  • जिसके बाद सभी की पूजा करें।
  • धूप, दीपक, अगरबत्ती, फूल और पुष्प माला चढ़ाएं।
  • लक्ष्मी मंत्र और “ओं श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कामलेकायै नमः” मंत्र का जाप करें।
  • जिसके बाद श्री लक्ष्मी चालीसा या भगवद गीता का पाठ करें।
  • पूजा के बाद प्रसाद तैयार करें और उसे भगवान को समर्पित करें। फिर यह प्रसाद सभी परिवार के सदस्यों को बाँट दें।

महत्व

लाभ पंचमी का पर्व भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है। लोग इस दिन पूजा, आराधना और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं, ताकि उन्हें सौभाग्य और धन की प्राप्ति हो। यह पर्व विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। गुजरात में यह पर्व विशेष रूप से धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)