बच्चों को बुरी नजर से बचाएंगे लाल किताब के ये टोटके, जरूर आजमाएं

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Lal Kitab upay

Lal Kitab Upay : लाल किताब एक ऐसी विधा है जो ज्योतिष शास्त्र वैदिक ज्योतिष में काफी ज्यादा महत्व रखती है। लाल किताब की मदद से ज्योतिष भी लोगों के जीवन की परेशानियों को दूर करने में मदद करते हैं। अगर जीवन की परेशानियां खत्म नहीं हो रही है और लगातार बनी हुई रहती है या फिर घर के बच्चे बीमार रहते हैं और उन्हें बार-बार नजर लगती रहती है, तो लाल किताब के टोटकों का सहारा लिया जा सकता है। यह महज 24 घंटे के अंदर असर दिखना शुरू कर देते हैं। उनकी मदद से जीवन की सभी परेशानियां जल्द खत्म हो जाती है।

आज हम आपको लाल किताब के कुछ ऐसे टोटका के बारे में बताने जा रहे हैं जो बच्चों को बुरी नजर से बचाने में मदद करते हैं। अगर आपका बच्चा बार-बार बीमार रहता है या फिर उसे बार-बार नजर लगती रहती है, उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है या फिर वह अकेले गुमसुम रहना पसंद करता है, तो इन टोटकों की मदद से उसे ठीक किया जा सकता है। चलिए जानते हैं उन टोटकों के बारे में –

Lal Kitab के अचूक टोटके

अगर आपके बच्चे को भूख नहीं लगती है और वह अच्छा अच्छा खाना भी नहीं खाता है तो फिर आप उसके द्वारा खाए गए खाने को उसके ही ऊपर से 21 बार उतार कर काले कुत्ते को खिला दें। ऐसा करने से बच्चे के खाने पर लगी हुई बुरी नजर जल्द दूर हो जाएगी और वह खाना भी अच्छे से खाने लगेगा। इतना ही नहीं वो खाना उसके शरीर को भी लगने लगेगा।

अगर आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है या फिर वह अच्छे से पढ़ाई करने के लिए मन नहीं लगा पता है या फिर उसका मन स्थिर नहीं है तो उसके लिए आप उसे हमेशा पूर्व की तरफ मुख रख कर बैठाएं। ऐसा करने से आपको काफी ज्यादा फायदा आपके बच्चे में देखने को मिलेगा। उसका मन भी पढ़ाई में लगने लगेगा।

अगर आपका बच्चा हमेशा बीमार रहता है और आप उसको बार बार डॉक्टर के पास ले जाते हैं तो एक बार उसकी तीन दिन सलंग नजर उतार कर देखें। ये नजर आपको रुई की बत्ती को तेल में डूबा कर उसे माचिस की तीली से जला कर रुई की बत्ती को 21 बार अपने बच्चे के ऊपर से उतारे और फिर रुई की बत्ती को चिमटे की मदद से उठा कर रखें जब तक वह पूरी तरह से जल कर बुझ ना जाए। ऐसा करने से जल्द नजर उतर जाते हैं।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Ayushi Jain

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