भगवान विष्णु द्वापर युग से लेकर त्रेता युग में कई रूपों में धरती पर अवतार ले चुके हैं। वहीं, कल्कि पुराण की बात करें, तो इसमें भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है। बता दें कि जगत पालनहारा श्री हरि नारायण कलयुग में कल्कि अवतार के रूप में आने वाले हैं। इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी, जिनका वर्णन कल्कि पुराण में पाया गया है।
कल्कि पुराण के अनुसार, जब कलयुग में अत्याचार अपनी चरम सीमा पर होगा… हर तरफ तबाही का मंजर होगा, तब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में धरती पर अवतरित होंगे।

पापों का करेंगे नाश
भगवान कल्कि कलयुग में अवतार लेंगे। इसके साथ ही वह पापों का नाश करेंगे। इसके बाद सत्य और धर्म की फिर से स्थापना होगी। अग्नि पुराण के 16वें अध्याय में कल्कि अवतार के बारे में बताया गया है। इस पुराण की मानें तो भगवान विष्णु का यह अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नमक जिले में ब्राह्मण परिवार में होगा। इस दौरान वह तीर कमान धारण किए सफेद रंग के अश्व पर सवार होंगे, जिसका नाम देवदत्त रहेगा। इस युग में भी उनके गुरु परशुराम जी ही होंगे। इसके अलावा, भगवान कल्कि को वेद और पुराण का संपूर्ण ज्ञान रहेगा।
दर्शन के लिए आएंगे देवी-देवता
इसके अलावा, कल्कि पुराण में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि भगवान विष्णु की रक्षा के लिए इस युग में भी अश्वत्थामा, महर्षि वेदव्यास, राम भक्त हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य आएंगे। जब वह धरती पर अवतार लेंगे, तब चारों तरफ तेज आंधी और मूसलाधार बारिश होगी, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कल्कि भगवान धरती पर आ चुके हैं। वहीं, उनके दर्शन के लिए सभी देवी-देवता भी धरती पर आएंगे।
10वें अवतार के बारे में दी गई है जानकारी
बता दें कि कल्कि पुराण में भगवान विष्णु के 10वें अवतार के बारे में बताया गया है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, अभी तक कलयुग के लगभग 5126 साल बीते हैं। वहीं, कल्कि अवतार के आने में अभी भी लगभग 4,26,875 साल बाकी हैं। अंत में धरती पर चारों ओर केवल तबाही का ही मंजर नजर आएगा। ग्रंथों के अनुसार, वह धर्म की छति को रोकने के लिए धरती पर जन्म लेगें। इस दौरान वह कलि राक्षस का वध करेंगे। इसके बाद कलयुग समाप्त हो जाएगा।
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