इन 2 राशियों को करियर और कारोबार में तरक्की देता है पुखराज, जानें कैसे करें धारण

Lucky Stone: जिस तरह से ग्रह नक्षत्र को हमारे जीवन पर असर होता है। उस तरह से रत्नों का ग्रहों पर असर होता है। आज हम आपको गुरु ग्रह से जुड़े रत्न पुखराज के बारे में बताते हैं, जो बहुत शुभ माना गया है।

Diksha Bhanupriy
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Lucky Stone

Lucky Stone: रत्न शास्त्र ज्योतिष की एक बहुत ही महत्वपूर्ण विद्या है। इसमें कई रत्नों का उल्लेख दिया गया है जो ग्रहों से गहरे तरीके से जुड़े हुए हैं। अगर ग्रहों की स्थिति में कोई ऐसा परिवर्तन आ रहा है जो अशुभ साबित हो रहा है, तो उनसे जुड़े हुए रत्नों को धारण कर सब कुछ ठीक किया जा सकता है। जिस तरह से ग्रह हमारे जीवन को प्रभावित करते उस तरह से रत्न ग्रहों को प्रभावित करते हैं।

रत्न शास्त्र में कुल 9 रत्नों का उल्लेख दिया गया है, जिनका संबंध नौ ग्रहों से बताया जाता है। इसके अलावा 84 उपरत्न का जिक्र भी इसमें दिया गया है जिन्हें अलग-अलग ग्रहण के लिए धारण किया जा सकता है। आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारी रत्न के बारे में बताते हैं।

पुखराज है बहुत शुभ (Lucky Stone)

पुखराज एक ऐसा रत्न है, जिसका संबंध देवताओं के गुरु बृहस्पति से माना गया है। अगर इसे धारण कर लिया जाए तो गुरु ग्रह की स्थिति को मजबूत बनाया जा सकता है। गुरु व्यक्ति के जीवन में ज्ञान और ऐश्वर्य का कारक माना जाता है। ऐसे में जो व्यक्ति पुखराज धारण करता है उसकी सुख, संपत्ति और समृद्धि में वृद्धि होती है। चलिए आज इसे धारण करने के तरीके और इससे होने वाले लाभ के बारे में जानते हैं।

पुखराज से होंगे ये लाभ

जो व्यक्ति पुखराज पहनता है, उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो जाती है। जो लोग करियर और कारोबार में तरक्की हासिल नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें पुखराज जरूर पहनना चाहिए। यह आध्यात्म, शिक्षा और ज्योतिष के क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत शुभ माना गया है। पुखराज व्यक्ति का मान सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ाता है।

कौन कर सकता है धारण

जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह उच्च और शुभ स्थिति में होता है वह पुखराज पहन सकते हैं। मीन और धनु राशि के लोगों के लिए यह बहुत शुभ माना गया है क्योंकि इनके स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। तुला लग्न के लोगों के लिए भी पुखराज बहुत शुभ माना गया है। जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह नीच स्थिति का होता है उन्हें पुखराज नहीं पहनना चाहिए। इसके साथ गोमेद और लहसुनिया नहीं पहना जाता।

कैसे करें धारण

पुखराज खरीदते समय इसका काम से कम 7 से सवा आठ रत्ती का होना जरूरी है। इसे चांदी और सोने की धातु में जड़वा कर पहनना शुभ माना गया है। इसे गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए। धारण करने से पहले इसे गंगाजल या दूध से शुद्ध कर लेना चाहिए। ये अंगूठी हमेशा दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण की जाती है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।

 


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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