Gupt Navratri : गुप्त नवरात्रि का पर्व पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। खासकर माघ महीने की गुप्त नवरात्रि का अत्यधिक महत्व है। इसे मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इन नौ दिनों के दौरान देवी दुर्गा के साथ-साथ उनकी दस महाविद्याओं की भी विशेष पूजा की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पावन समय में कुछ नियम और विधियाँ बनाई गई हैं, जिनका पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
7 फरवरी को होगा समापन
गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 30 जनवरी से हो चुका है, जिसका समापन 7 फरवरी को होगा। कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह 9:25 से 10:46 तक था।
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:10 से 12:56 तक।
- गोधूलि मुहूर्त- शाम 5:56 से 6:30 तक।
- अमृत काल- रात 8:03 से 9:33 तक।
पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- फिर पूजा स्थल की अच्छे से साफ सफाई करें।
- अब देवी दुर्गा मां की प्रतिमा या फिर तस्वीर वहां पर स्थापित करें।
- शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर सिंदूर और गुड़हल के फूलों से माता की पूजा शुरू करें।
- फिर देवी मां को पंचामृत या फिर नारियल चढ़ाएं।
- देसी घी का दीपक जलाएं।
- अंत में मां की आरती उतारें।
इस विधि से पूरे 9 दिन पूजा अर्चना करें। ऐसे में माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा बनी और आर्थिक संकट दूर होगा। देवी दुर्गा की असीम कृपा से घर में सुख और समृद्धि का योग बनेगा।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)