सावन (Sawan) का महीना चल रहा है और आज सावन शिवरात्रि (Maha Shivratri) है। ऐसे में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए आज भक्त उनकी पूजा पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं। वहीं माता पार्वती ने भी शिव जी को अपने पति के रूप में पाने के लिए कड़ी तप साधना और कई जतन किए थे। जिसके बाद शिव जी ने उनका निवेदन स्वीकार कर उन्हें अपने पत्नी के रूप में अपनाया।
इतना ही नहीं राक्षसों और दानवों ने भी मनवांछित वर प्राप्त करने के लिए भोलेनाथ की आराधना की थी। ऐसे में अब भक्त भी मनचाहा वर और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करवाने के लिए भोलेनाथ की आराधना कर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रहे है जिसके जाप करने से ही असाध्य रोगों का नाश हो जाता है।
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इस मंत्र के जाप से होगा असाध्य रोगों का नाश –
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ॥
मंत्र का अर्थ –
इस मंत्र का अर्थ ये है कि जो शिव नागराज वासुकि का हार पहिने हुए हैं, तीन नेत्रों वाले हैं और भस्म की राख को सारे शरीर में लगाये हुए हैं। वह महान् ऐश्वर्य सम्पन्न और नित्य–अविनाशी तथा शुभ हैं। इस मंत्र का अर्थ आगे का ये है कि दिशायें जिनके लिए वस्त्रों का कार्य करती हैं इसका मतलब वस्त्र आदि उपाधि से भी जो रहित हैं, ऐसे निरवच्छिन्न उस नकार स्वरूप शिव जी को मैं नमस्कार करता हूँ।
शिव पंचाक्षरी मंत्र –
‘नम: शिवाय’ इस मंत्र के जाप से मानव के कई जन्मों के पापों का नाश हो जाता है। ये एक संजीवनी बूटी की तरह काम करता है। बताया गया है कि इस पंचाक्षरी मंत्र का अलग-अलग जगहों पर विधि विधान के साथ जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इतना ही नहीं इस मंत्र का गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों पर जाप करने से मानव दीर्घायु होता है। इसके साथ ही अगर इस मंत्र का जाप शनिवार को पीपलवृक्ष का स्पर्श कर किया जाए तो अकालमृत्यु का भय दूर होता है।