Diwali 2024: दिवाली का त्योहार न सिर्फ रोशनी और खुशियों का त्यौहार है, बल्कि यह माता लक्ष्मी की पूजा का अवसर भी होता है। इस दिन लोग अपने घरों में मां लक्ष्मी का स्वागत करते हैं और मंदिरों में जाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। खासतौर पर मुंबई जैसे शहर में दिवाली के मौके पर माता के दर्शन का विशेष महत्व है।
मुंबई के कई प्रसिद्ध मंदिर दिवाली पर विशेष पूजा और आयोजन करते हैं जहां माता। लक्ष्मी की कृपा से घर परिवार में धर्मसन को समृद्धि का वास होता है अगर आप भी इस दिवाली मुंबई में माता के दर्शन की योजना बना रहे हैं तो यहां के कुछ फेमस मंदिर आपके लिए बेहतरीन ऑप्शन हो सकते हैं।
मुंबा देवी मंदिर
मुंबा देवी मंदिर मुंबई की भूलेश्वर इलाके में स्थित है और उसे मंदिर के सबसे पुराने प्रतिष्ठित मंदिर उनसे एक माना जाता है यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है। इसका गहरा ऐतिहासिक महत्व है मैन मुंबई को धन और ईश्वर की देवी लक्ष्मी का ही एक स्वरूप माना जाता है और यह भी माना जाता है कि मुंबई शहर का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा गया है।
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां मुंबा देवी हर दिन अलग-अलग वाहनों पर विराजमान होती है और यहां हर दिन 6 बार आरती की जाती है जो श्रद्धालुओं के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का एक प्रमुख स्थल है जहां हर दिन हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं।
श्री महालक्ष्मी मंदिर
विले पार्ले पूर्व में स्थित यह मंदिर मुंबई के सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है, जो देवी महाकाली और महासरस्वती को समर्पित है। यह मंदिर विशेष रूप से तीन देवियों महाकाली, महालक्ष्मी और मा सरस्वती की पूजा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
मंदिर के चारों ओर खूबसूरत मूर्तियों की सजावट इसे एक आकर्षक स्थल बनती है। जहां श्रद्धालु दूर से दर्शन करने आते हैं। न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि यह मंदिर मुंबई में घूमने के लिए भी एक बेहतरीन ऑप्शन माना जाता है। यहां आध्यात्मिक शांति और भव्यता का अनुभव किया जा सकता है।
महालक्ष्मी मंदिर
समुद्र के किनारे स्थित यह भव्य मंदिर अपनी शांतिपूर्ण और ठंडे वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर का सौंदर्य और आकर्षण इसकी नक्काशीदार मुख्य द्वार से स्पष्ट होता है। जहां हर एक विवरण ध्यान से उकेरा गया है।
यह मंदिर न केवल अपने ऐतिहासिक महत्व के कारण बल्कि अपनी शानदार खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है। मंदिर में विराजमान माता की मूर्ति को सोने और चांदी की आभूषणों से अलंकृत किया गया है, जो श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है और उस स्थान की भव्यता को और बढ़ाती है।