Malavya/Bhadra Rajyog 2025 : ज्योतिष के अनुसार, सभी ग्रहों में बुध को ग्रहों का राजकुमार और शुक्र को दैत्यों का गुरू माना जाता है।बुध संचार, बुद्धि, तर्कशास्त्र, गणित और व्यापार के कारक माने जाते है तो शुक्र धन, वैभव, ऐश्वर्य के कारक होते है। बुध ग्रह मिथुन-कन्या राशि और शुक्र वृषभ-तुला राशि के स्वामी है।जब भी शुक्र बुध चाल बदलते है तो योग राजयोग का निर्माण होता है, जिसका मानव जीवन के साथ सभी राशियों पर भी अलग अलग असर देखने को मिलता है।
वर्तमान में बुध मीन राशि में विराजमान है और 6 जून में अपनी स्वराशि मिथुन में गोचर करेंगे जिससे भद्र राजयोग का निर्माण हुआ है, जिसका प्रभाव 22 जून तक रहने वाला है, क्योंकि इसके बाद बुध सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शुक्र 31 मई को मेष और फिर 29 जून को शुक्र अपनी स्वामी राशि वृषभ में प्रवेश करेंगे और 25 जुलाई 2025 तक रहेंगे, ऐसे में वृषभ में जाते ही मालव्य राजयोग बनेगा, जून में बनने वाले भद्र व मालव्य राजयोग से 4 राशियों को विशेष फल की प्राप्ति होगी।

भद्र-मालव्य राजयोग का राशियों पर प्रभाव
मिथुन राशि: भद्र और मालव्य राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। शादीशुदा का जीवन शानदार रहेगा। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है।आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है।आर्थिक योजनाएं सफल होंगी। प्रसिद्धि व सम्मान प्राप्त होगा।अटके रूके कामों को गति मिल सकती है। पार्टनरशिप के काम में तरक्की मिल सकती है।
तुला राशि: भद्र मालव्य राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है।भाग्य का साथ मिलेगा। आय में वृद्धि के प्रबल योग है। नौकरीपेशा को वेतन वृद्धि के साथ प्रमोशन का तोहफा मिल सकता है। व्यापार में मुनाफा मिल सकता है। प्रतियोगी छात्रों को परीक्षा में सफलता मिल सकती है।देश- विदेश की यात्रा करने का मौका मिल सकता है। धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। लंबे समय से रुके व अटके हुए कार्य बनेंगे।
कन्या राशि : भद्र राजयोग जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। नौकरपेशा को इंक्रीमेंट और प्रमोशन का लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह वक्त अनुकूल रहेगा। बेरोजगारों को नौकरी के अवसर मिल सकते है।मीडिया, कला, संगीत, शिक्षक या बैंकिंग से जुड़े लोगों को काम में बड़ा लाभ मिल सकता है।
मीन राशि : भद्र राजयोग जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। नौकरपेशा को इंक्रीमेंट और प्रमोशन का लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि हो सकती है। इस समय आप कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद सकते हैं।व्यापार में अचानक बड़ा लाभ हो सकता है। माता और ससुरालीजनों का सहयोग मिल सकता है।
कब बनता है भद्र/मालव्य राजयोग?
- वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार , भद्र महापुरुष राजयोग बुध ग्रह से संबंधित है। यदि आपकी कुंडली में बुध लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित हैं अर्थात बुध यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन अथवा कन्या राशि में स्थित हैं तो आपकी कुंडली में भद्र राजयोग बनता है।इस योग को पंच महापुरुष राजयोग में से एक माना गया है।
- मालव्य राजयोग शुक्र से संबंधित है, जिस भी जातक की कुंडली में शुक्र लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित है अर्थात शुक्र यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में वृष, तुला अथवा मीन राशि में स्थित है तो कुंडली में मालव्य राजयोग बनता है। अगर शुक्र ग्रह पर सूर्य या गुरु की दृष्टि पड़ रही है तो इस राजयोग का फल व्यक्ति को कम प्रदान होगा। क्योंकि सूर्य और गुरु का शुक्र के साथ शत्रुता का भाव है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)