हम सभी की कुंडली में अलग-अलग ग्रह विराजित होते हैं जो हमारे जीवन के संचालन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर इन ग्रहों की स्थिति अच्छी रहती है तो परिणाम भी शुभ प्राप्त होते हैं और अगर स्थिति बुरी हो तो बुरे फल प्राप्त होने लगते हैं। कई बार कुंडली में ग्रहों की दशा और महादशा भी निर्मित होती है।
कुंडली में निर्मित होने वाली दशा और महादशा हमारे जीवन पर अच्छा और बड़ा दोनों ही तरह का प्रभाव डालती है। अगर हमारे कर्म और ग्रहों की स्थिति अच्छी है तो हमें अच्छे परिणाम मिलते हैं। अगर नहीं है तो हमें बुरी परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है। मंगल की महादशा भी कुछ ऐसी ही होती है जो ग्रहों के सेनापति मंगल से जुड़ी हुई है। चलिए आज हम आपको इसी के बारे में बताते हैं।

मंगल की महादशा (Mangal Mahadasha)
मंगल की महादशा किसी भी व्यक्ति की कुंडली में 7 सालों तक चलती है। इस दौरान शुभ और अशुभ ग्रह अंतर्दशा दशा में चलते रहते हैं। इसमें सबसे पहले मंगल की अंतर्दशा होती है जो 5 महीने की रहती है। इसके बाद राहु की अंतर्दशा फिर गुरु और शनि की अंतर्दशा चलती है। मंगल की महादशा व्यक्ति के करियर में तरक्की लेकर आती है। चलिए जान लेते हैं की मंगल देव को कैसे प्रसन्न किया जा सकता है।
कैसे करें मंगल को प्रसन्न
- मंगल देवता को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजन जरूर करें।
- हनुमान जी की पूजन करने के अलावा लाल रंग की चीजों का दान जरूर करना चाहिए। इस दिन गेहूं, गुड़, मूंगफली और लाल रंग के कपड़े का दान बेहद शुभ माना गया है।
- मंगलवार और शनिवार के दिन राम परिवार के साथ हनुमान जी की पूजन जरूर करें। ऐसा करने से जीवन के सारे संकट दूर हो जाएंगे।
- मंगल को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार के दिन सात बार हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।