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Sun, Dec 21, 2025

हनुमान जी बनाए रखेंगे सभी पर अपनी कृपा, बस पूजा के दौरान करें ये छोटा सा काम

Written by:Bhawna Choubey
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मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है, इन दोनों दिनों में भक्त भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह एक छोटा सा काम करने से भी भगवान हनुमान आप पर कृपा बरसा सकते हैं।
हनुमान जी बनाए रखेंगे सभी पर अपनी कृपा, बस पूजा के दौरान करें ये छोटा सा काम

Mangalwar Upay: हिंदू धर्म में हर एक दिन का विशेष महत्व होता है, आज मंगलवार है और मंगलवार का दिन भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन सच्चे मन से भगवान हनुमान का नाम जपने से और उनकी पूजा-पाठ करने से जीवन की मुश्किलें खत्म हो जाती हैं।

ऐसा भी माना जाता है कि अगर हम भगवान श्री राम के नाम का जाप करते हैं, तब भी भगवान हनुमान बेहद प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। भगवान हनुमान को मंगलवार और शनिवार दोनों दिन अत्यंत प्रिय है, अगर आप इन दिनों में भगवान हनुमान को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पूजा-पाठ के अलावा आप हनुमान स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

मंगलवार उपाय (Mangalwar Upay)

हनुमान स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आने वाली तमाम परेशानी और मुसीबतें खत्म हो जाती हैं, भगवान हनुमान भक्तों पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखते हैं। शारीरिक और मानसिक समस्याएं भी धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं, साथ ही साथ अच्छे कार्यों में सफलता मिलती है। चलिए फिर जान लेते हैं, कि कैसे करें हनुमान स्तोत्र का पाठ।

श्री हनुमान स्तोत्र

वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम्।रक्ताङ्गरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥

सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं। वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न॥

भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरञ्जनं, दिनेशरूपभक्षकं, समस्तभक्तरक्षकम्।

सुकण्ठकार्यसाधकं, विपक्षपक्षबाधकं, समुद्रपारगामिनं, नमामि सिद्धकामिनम्॥

सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न।

इति प्लवङ्गनाथभाषितं निशम्य वानराऽधिनाथ आप शं तदा, स रामदूत आश्रयः ॥

सुदीर्घबाहुलोचनेन, पुच्छगुच्छशोभिना, भुजद्वयेन सोदरीं निजांसयुग्ममास्थितौ।

कृतौ हि कोसलाधिपौ, कपीशराजसन्निधौ, विदहजेशलक्ष्मणौ, स मे शिवं करोत्वरम्॥

सुशब्दशास्त्रपारगं, विलोक्य रामचन्द्रमाः, कपीश नाथसेवकं, समस्तनीतिमार्गगम्।

प्रशस्य लक्ष्मणं प्रति, प्रलम्बबाहुभूषितः कपीन्द्रसख्यमाकरोत्, स्वकार्यसाधकः प्रभुः॥

प्रचण्डवेगधारिणं, नगेन्द्रगर्वहारिणं, फणीशमातृगर्वहृद्दृशास्यवासनाशकृत्।

विभीषणेन सख्यकृद्विदेह जातितापहृत्, सुकण्ठकार्यसाधकं, नमामि यातुधतकम्॥

नमामि पुष्पमौलिनं, सुवर्णवर्णधारिणं गदायुधेन भूषितं, किरीटकुण्डलान्वितम्।

सुपुच्छगुच्छतुच्छलंकदाहकं सुनायकं विपक्षपक्षराक्षसेन्द्र-सर्ववंशनाशकम्॥६॥

रघूत्तमस्य सेवकं नमामि लक्ष्मणप्रियं दिनेशवंशभूषणस्य मुद्रीकाप्रदर्शकम्।

विदेहजातिशोकतापहारिणम् प्रहारिणम् सुसूक्ष्मरूपधारिणं नमामि दीर्घरूपिणम्॥

नभस्वदात्मजेन भास्वता त्वया कृता महासहा यता यया द्वयोर्हितं ह्यभूत्स्वकृत्यतः।

सुकण्ठ आप तारकां रघूत्तमो विदेहजां निपात्य वालिनं प्रभुस्ततो दशाननं खलम्॥

इमं स्तवं कुजेऽह्नि यः पठेत्सुचेतसा नरः कपीशनाथसेवको भुनक्तिसर्वसम्पदः।

प्लवङ्गराजसत्कृपाकताक्षभाजनस्सदा न शत्रुतो भयं भवेत्कदापि तस्य नुस्त्विह॥

नेत्राङ्गनन्दधरणीवत्सरेऽनङ्गवासरे। लोकेश्वराख्यभट्टेन हनुमत्ताण्डवं कृतम् ॥

ॐ इति श्री हनुमत्ताण्डव स्तोत्रम्”॥

मंगल वैदिक मंत्र

ऊँ अग्निमूर्धादिव: ककुत्पति: पृथिव्यअयम अपा रेता सिजिन्नवति।

मंगल तांत्रिक मंत्र

ऊँ हां हंस: खं ख:

ऊँ हूं श्रीं मंगलाय नम:

ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:

मंगल एकाक्षरी बीज मंत्र

ऊँ अं अंगारकाय नम:

ऊँ भौं भौमाय नम:।।

मंगल ग्रह मंत्र

ऊँ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम ।

कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम ।।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।