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Sun, Dec 21, 2025

मासिक शिवरात्रि पर करें इस व्रत कथा का पाठ, सभी इच्छाएं होगी पूरी

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा और व्रत के लिए समर्पित होता है। इस दिन अगर आप विधिपूर्वक शिवरात्रि व्रत कथा का पाठ करते हैं, तो भोलेनाथ की कृपा से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
मासिक शिवरात्रि पर करें इस व्रत कथा का पाठ, सभी इच्छाएं होगी पूरी

Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को श्रद्धा और विश्वास से किया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। व्रत के समय शिवजी की आराधना के साथ-साथ उनकी कथा का पाठ करना भी बहुत जरूरी माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि पाठ के बिना पूजा अधूरी रह जाती है। पूरी श्रद्धा और सही विधि विधान से पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती है और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है, जो जीवन में सुख समृद्धि और शांति लाता है। इस व्रत से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति भी प्राप्त होती है।

Masik Shivratri 2024 पर करें इस व्रत कथा का पाठ

पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में चित्र भानु नामक एक शिकारी हुआ करता था, जो जंगल में शिकार करके अपना और अपने परिवार का पालन पोषण किया करता था। वह बहुत गरीब था और उसके ऊपर एक साहूकार का कर्ज भी चढ़ा हुआ था, जिसे वह लंबे समय से चुका नहीं पा रहा था। इसी के चलते एक दिन साहूकार ने शिकारी को पड़कर शिव मैथ में बंदी बना लिया। उस दिन शिवरात्रि थी। साहूकार के घर पूजा हो रही थी और शिकारी बहुत ध्यान से भगवान शिव के बारे में धर्म की बातें सुन रहा था। रात को उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी इसके बाद साहूकार ने उसे अगले दिन कर्ज चुकाने की बात कही और शिकारी को कैद से मुक्त कर दिया।

रोज की तरह शिकारी अपने काम में लग गया और जंगल में शिकार के लिए निकल पड़ा। दिन भर जंगल में शिकार ढूंढते हुए उसे भूख और प्यास लगने लगी और वह बुरी तरह से थक गया। अंधेरा होने के कारण उसने रात जंगल में ही बिताने का विचार किया। वह एक तालाब के पास पहुंचा और वहां एक बेल के पेड़ पर चढ़कर रात बिताने का निर्णय लिया। इस पेड़ के नीचे एक शिवलिंग था जिसके बारे में शिकारी को नहीं पता था, शिवलिंग पूरी तरह से बिल्वपत्रों से ढका हुआ था।

शिकारी की अनजानी पूजा और भगवान शिव की कृपा

जैसे ही शिकारी ने पेड़ की टहनियां तोड़ीं तो वे अनजाने में शिवलिंग पर गिर गई। इस प्रकार से उसने बिना जान ही भगवान शिव की पूजा कर डाली। रात के एक पहर में एक गर्भिणी हिरणी तालाब पर पानी पीने आई। शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाया और जैसे ही तीर छोड़ने की कोशिश की तब ही हिरणी ने कहा कि तुम मुझे मत मारो मैं गर्भिणी हूं और जल्द ही बच्चे को जन्म देने वाली हूं, तुम मुझे मार कर दो जिंदगियों की हत्या करोगी यह ठीक नहीं होगा। मुझे बच्चों को जन्म देने दो फिर मुझे मार लेना। यह बात सुनकर शिकारी ने अपना धनुष रख लिया। इस समय अनजाने में और बिना कुछ सोचे समझे कुछ और बिल्वपत्र शिवलिंग पर गिर गए। इस तरह जाने अनजाने में शिकारी के द्वारा भगवान शिव की पूजा हो गई, और वह धीरे-धीरे अमीर हो गया साथ ही साथ उसकी सभी इच्छाएं धीरे-धीरे पूरी होने लगी।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।