सनातन धर्म में शिवरात्रि का काफी अधिक महत्व होता है। इस दिन महादेव के भक्ति सुबह से ही मंदिर हो में पहुंचकर भगवान का रुद्राभिषेक करते हैं और विधि विधान पूर्वक उनकी पूजा अर्चना करते हैं। पंचांग के अनुसार, हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाया जाता है। इस दिन भोलेनाथ के अलावा माता पार्वती की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है। जिन लोगों के विवाह में अड़चन उत्पन्न हो रही है, उन्हें हर महीने मासिक शिवरात्रि का व्रत अवश्य रखना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के 108 नाम का जप करने से जल्द ही विवाह के योग बन जाते हैं। साथ ही जीवन में चल रही सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 27 मार्च को देर रात 11 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी। जिसका समापन अगले दिन यानी 28 मार्च को शाम 7 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में 27 मार्च को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।
बन रहे शुभ योग
इस महीने में पढ़ने वाली शिवरात्रि पर दो शुभ योग का निर्माण हो रहा है। सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक साध्य योग का निर्माण होगा, जबकि शुभ योग सुबह 9 बजकर 25 मिनट से लेकर अगले दिन 28 मार्च को सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, शतभिषा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। ऐसे में रात में 12 बजकर 34 मिनट पर पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का प्रभाव होगा।
महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस व्रत को करने से महादेव के भक्तों के जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। दुख, बीमारियां, दोष, आदि समाप्त हो जाते हैं। इस दिन रात के समय शिव मंत्रों का जाप करने पर विशेष लाभ मिल सकता है। भगवान को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं। इस दिन कुछ लोग घर पर भी कुछ ना कुछ वस्तु अवश्य खरीद कर लाते हैं, जो कि सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
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