भारत में एक से बढ़कर एक मंदिर (काशी) है, उत्तर से लेकर दक्षिण तक… पूर्व से लेकर पश्चिम तक… चारों दिशाओं में अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित है। इन सभी की मान्यता अलग-अलग है। यहां लोग अपनी मुराद लेकर जाते हैं, मनोकामना पूर्ण होने पर अपनी श्रद्धा अनुसार दान भी करते हैं।
इन सब में काशी नगरी में स्थित भगवान शिव के मंदिर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां के घाट लोग को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
काशी (Kashi)
शहर की छोटी-छोटी, तंग गलियों से गुजरते हुए यहां मंदिरों में जाया जाता है। अलग-अलग स्थान पर स्थित मंदिर का अपना अलग ही महत्व है। काशी देश ही नहीं बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यहां पर त्यौहार के दिन में अलग ही रौनक देखने को मिलती है। लोगों में अलग ही उत्साह नजर आता है। पूरा शहर भक्ति में लीन हो जाता है। दीपावली हो या फिर होली, दशहरा हो या फिर अमावस्या, हर एक त्यौहार में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है।
भगवान शिव ने दिया था ये वरदान
आज हम आपको काशी में स्थित एक ऐसी ही छुपी हुई जगह के बारे में बताएंगे, जहां स्वयं चंद्र देव ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कुआं बनवाया था। दरअसल, आज हम आपको चंद्रकूप कुआं के बारे में बताएंगे, जो कि सिद्धेश्वर मंदिर के बीचो-बीच बनाया गया था। इस कुएं के पानी को पीने से लोगों को ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह वरदान स्वयं भगवान विष्णु ने दिया था।
अनोखा कुआं
चंद्रकूप काशी खंड में भी इस कुएं का जिक्र पाया जाता है। यह अपने आप में अनोखा है। यह एक ऐसी जगह है, जहां आपको जरूर जाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह कुआं आपको आपकी मौत दिखाता है। कहते हैं कि कुएं में जिसे अपनी परछाई दिख गई, उसे तो लंबे जीवन का वरदान मिल जाता है, लेकिन जिसे उसकी परछाई नहीं दिखती, उसकी मौत 1 साल के भीतर हो जाती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)





