भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित काशी शहर देश ही नहीं, बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां सालों भर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और शिव की नगरी में गंगा स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा, भगवान से आशीर्वाद भी लेते हैं। यहां के हर गली-मोहल्ले में मंदिर स्थित है, जहां का अपना अलग महत्व है। आज हम आपको इस शहर में स्थित है ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने आप में बहुत अनोखा है। यहां 151 नर्मदेश्वर के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं। इस मंदिर का नाम मणि मंदिर है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को मानसिक तौर पर शांति मिलती है।
इसके अलावा, उज्जैन में स्थित महाकाल की तर्ज पर ही महादेव की भस्म आरती भी होती है। जिसे देखने के लिए दूर-दराज से पहुंचते हैं और इस आरती में सम्मलित होते हैं। यहां पर शैव और वैष्णव का संगम नजर आता है। इस मंदिर का निर्माण 8 दशक पहले यानी 1940 में किया गया था।

151 नर्मेंदेश्वर शिवलिंग
43 हजार वर्ग फीट में पहले इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति के साथ शिव-शक्ति और पंचदेवों की मूर्ति स्थापित है, जहां इन सभी के एक साथ दर्शन हो जाते हैं। राम दरबार के ठीक सामने विशाल मंडप के मध्य 5 फीट आकर के उज्जैन के महाकाल के प्रतिरूप में शिवलिंग है, जिसके दोनों तरफ 151 नर्मेंदेश्वर शिवलिंग की कतार है। इसके बगल में ही भगवान शिव और माता पार्वती के अलावा स्फटिक मणि के द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थित है। यहां भक्तों को सभी देवी-देवताओं के दर्शन हो जाते हैं।
सावन में उमड़ती है भीड़
यदि आप भी महादेव की नगरी काशी जाना चाहते हैं, तो यहां जाकर इस मंदिर में भगवान के दर्शन करना ना भूलें। यहां आपको मानसिक शांति मिलेगी। इस शहर को आध्यात्मिक स्वर्ग के नाम से भी जाना जाता है, जहां हर कोई गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए भी पहुंचते हैं। सावन और शिवरात्रि के दौरान यहां बहुत अधिक भीड़ उमड़ती है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)