Mokshada Ekadashi 2021 : आज है मोक्षदा एकादशी, जानें पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त

padmini ekadashi

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। हिंदू धर्म में हर एकादशी का अलग ही महत्व है इस दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पूजा की जाती है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। मोक्षदा एकादशी का अर्थ है मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी।

यह भी पढ़े…पंचायती राज चुनाव और 13 तारीख का साया

बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी के दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। एकादशी व्रत करने वाले का जीवन खुशियों से भर जाता है मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी पूजा- विधि

मुहूर्त-

एकदाशी तिथि प्रारंभ: 13 दिसंबर, रात्रि 9: 32 बजे से
एकदाशी तिथि समाप्त: 14 दिसंबर रात्रि 11:35 बजे पर

यह भी पढ़े…BJP पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा, देखिए लिस्ट

एकादशी पूजा- विधि– सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर को साफ करें और मंदिर और आसपास के क्षेत्र को गंगाजल से पवित्र करें। मंदिर में सभी देवताओं को स्नान कराएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. भगवान के सामने दीपक प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु को फूल और तुलसी चढ़ाएं। हो सके तो इस दिन व्रत रखें। श्री हरि को भोग लगाएं। ध्यान रखें कि भगवान को केवल सात्विक चीजें ही अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद आरती करें और भगवान से प्रर्थना करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News