Monday Special: भगवान शिव के भक्तों के लिए खुशियों का दिन, करें ये उपाय और बदलें अपना जीवन

Monday Special: सोमवार का दिन भगवान शिव का अतिप्रिय दिन माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से सभी कार्य सफल होते हैं और जीवन में शुभता आती है। सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने और व्रत रखने के पीछे कई धार्मिक मान्यताएं हैं।

Bhawna Choubey
Published on -

Monday Special: हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र दिन भगवान शिव की पूजा करने और उनका व्रत रखने से अपार लाभ मिलता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इस लेख में, हम सोमवार और भगवान शिव के पवित्र संबंध पर चर्चा करेंगे, सोमवार पूजा की विधि को जानेंगे और सोमवार व्रत के लाभों को समझेंगे।

सोमवार पूजा विधि

सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन लें। पूजा स्थान को स्वच्छ कर लें और गंगाजल से धो लें। शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा को स्थापित करें। शिवलिंग को गंगाजल, पंचामृत और दूध से अभिषेक करें। बेल पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल, शमी के पत्ते अर्पित करें। फल, मिठाई, घी का दीपक और अगरबत्ती जलाएं। धूप जलाएं। शिव स्तोत्र का पाठ करें या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। भगवान शिव से अपनी मनोकामना प्रार्थना करें। आरती करें। प्रसाद वितरित करें।

शिव स्तुति मंत्र

पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम।

जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम।।

महेशं सुरेशं सुरारातिनाशं विभुं विश्वनाथं विभूत्यङ्गभूषम्।

विरूपाक्षमिन्द्वर्कवह्नित्रिनेत्रं सदानन्दमीडे प्रभुं पञ्चवक्त्रम्।।

गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं गवेन्द्राधिरूढं गुणातीतरूपम्।

भवं भास्वरं भस्मना भूषिताङ्गं भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम्।।

शिवाकान्त शंभो शशाङ्कार्धमौले महेशान शूलिञ्जटाजूटधारिन्।

त्वमेको जगद्व्यापको विश्वरूप: प्रसीद प्रसीद प्रभो पूर्णरूप।।

परात्मानमेकं जगद्बीजमाद्यं निरीहं निराकारमोंकारवेद्यम्।

यतो जायते पाल्यते येन विश्वं तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम्।।

न भूमिर्नं चापो न वह्निर्न वायुर्न चाकाशमास्ते न तन्द्रा न निद्रा।

न गृष्मो न शीतं न देशो न वेषो न यस्यास्ति मूर्तिस्त्रिमूर्तिं तमीड।।

अजं शाश्वतं कारणं कारणानां शिवं केवलं भासकं भासकानाम्।

तुरीयं तम:पारमाद्यन्तहीनं प्रपद्ये परं पावनं द्वैतहीनम।।

नमस्ते नमस्ते विभो विश्वमूर्ते नमस्ते नमस्ते चिदानन्दमूर्ते।

नमस्ते नमस्ते तपोयोगगम्य नमस्ते नमस्ते श्रुतिज्ञानगम्।।

प्रभो शूलपाणे विभो विश्वनाथ महादेव शंभो महेश त्रिनेत्।

शिवाकान्त शान्त स्मरारे पुरारे त्वदन्यो वरेण्यो न मान्यो न गण्य:।।

शंभो महेश करुणामय शूलपाणे गौरीपते पशुपते पशुपाशनाशिन्।

काशीपते करुणया जगदेतदेक-स्त्वंहंसि पासि विदधासि महेश्वरोऽसि।1।

त्वत्तो जगद्भवति देव भव स्मरारे त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ।

त्वय्येव गच्छति लयं जगदेतदीश लिङ्गात्मके हर चराचरविश्वरूपिन।।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News