Tue, Dec 23, 2025

Masik Durgashtami 2023: ज्येष्ठ मास की मासिक दुर्गाष्टमी आज, जानें पूजा समय, विधि और महत्व

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
Masik Durgashtami 2023: ज्येष्ठ मास की मासिक दुर्गाष्टमी आज, जानें पूजा समय, विधि और महत्व

Masik Durgashtami 2023 : ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है, जिसे मां दुर्गा की उपासना का सर्वाधिक महत्व माना जाता है। इस दिन की पूजा से सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति की अपेक्षा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास की मासिक दुर्गाष्टमी 28 मई 2023 रविवार को मनाई जा रही है। इस दिन पूजा विधि और मंत्रों का अनुसरण करके भक्त अपनी भक्ति और समर्पण का अभिव्यक्ति करते हैं। आइए विस्तार से पूजन का समय, विधि और महत्व…

पूजन का समय

ज्येष्ठ मास की मासिक दुर्गाष्टमी की शुरुआत 27 मई सुबह 07:42 मिनट पर हुई थी और यह तिथि 28 मई सुबह 09:56 मिनट पर समाप्त हो गई हो जाएगी।

पूजन विधि

  • पूजा के पहले, शुभ मुहूर्त में स्नान करें और शुद्ध हों।
  • एक साफ़ पूजा स्थल तैयार करें, जहां पूजा की विधि को पूरा किया जा सके। पूजा स्थल को सजाएं और मां दुर्गा की मूर्ति, यंत्र या छवि रखें।
  • पूजा स्थल पर एक कलश स्थापित करें। कलश में शुद्ध जल और सुपारी, नारियल, सिन्दूर और एक मोली डालें। कलश को पंचामृत से पूजें और उसे स्थान पर स्थापित करें।
  • मां दुर्गा की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि दुर्गा मां की मूर्ति, लंगड़ी, कुमकुम, अक्षत, दीप, फूल, पुष्पमाला, पंचामृत, नवधान्य, फल, पान, और प्रसाद की वस्तुएं तैयार करें।
  • विधि के अनुसार, मां दुर्गा की पूजा करें। ध्यान करते हुए मन्त्रों के साथ मूर्ति की पूजा करें और उसे सुंदर पुष्पमाला, चंदन और कुमकुम से सजाएं।
  • मां दुर्गा की आरती करें और उन्हें दीप और धूप से पूजें।
  • पूजा के बाद, मां दुर्गा को प्रसाद के रूप में फल, पान, मिष्ठान और नैवेद्य समर्पित करें।

पूजा का महत्व

ज्येष्ठ मास की मासिक दुर्गाष्टमी को मनाने का महत्वपूर्ण कारण है मां दुर्गा की उपासना का अवसर प्राप्त करना। यह पर्व हिंदू धर्म में मां दुर्गा की शक्ति, शक्तिस्वरूप और प्राकृतिक रूप में उनके महत्व का मनाया जाने वाला एक महान अवसर है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और अर्चना से मां की कृपा प्राप्ति होती है और उनकी कृपा से सुख, समृद्धि, स्थिरता और सफलता प्राप्त होती है।

इस दिन मां दुर्गा की उपासना करने से भक्त के जीवन में अशांति, दुःख, व्याकुलता और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मासिक दुर्गाष्टमी पर्व को उत्सवीतर बनाने के लिए भक्तों द्वारा मां दुर्गा की पूजा, भजन-कीर्तन, व्रत, और पंडालों में दुर्गा मूर्तियों की स्थापना की जाती है।

इस दिन लोग मातृ शक्ति के साथ शक्ति के संयोग का आदर्श बनाकर अपने जीवन को समृद्ध, सुखी और उत्तम बनाने के लिए प्रेरित होते हैं। इसके अलावा, मासिक दुर्गाष्टमी पर्व के दौरान नामसंवत्सर में महान उत्सव नवरात्रि की शुरुआत होती है। यह नवरात्रि के पहले दिन के रूप में माना जाता है और इसे धार्मिकता, आध्यात्मिकता और शक्ति के उत्साहपूर्ण दिन के रूप में मान्यता प्राप्त है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना अलग-अलग जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)