सनातन धर्म में शिवरात्रि (Shivratri) का काफी अधिक महत्व होता है। इस दिन महादेव के भक्ति सुबह से ही मंदिर हो में पहुंचकर भगवान का रुद्राभिषेक करते हैं और विधि विधान पूर्वक उनकी पूजा अर्चना करते हैं। पंचांग के अनुसार, हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाया जाता है। महादेव के हर सोमवार को उनकी विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करते हैं। वहीं, शिवरात्रि भी बाबा भोलेनाथ को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने पर मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इसके अलावा, विवाह में आ रही अड़चने दूर हो जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस खास मौके पर शिवलिंग का दूध, दही और गंगाजल से अभिषेक करने पर साधक को जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 25 मई को दोपहर 03:51 पर होगी, जिसका समापन अगले दिन 26 मई को दोपहर 12:11 पर होगा। ऐसे में मासिक शिवरात्रि 25 मई दिन रविवार को मनाई जाएगी।

अर्धरात्रि में करें पूजा
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस खास मौके पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त रात 11:58 से 12:38 तक है। इस दौरान पूजा अर्चना करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होगी। मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा अर्धरात्रि में ही की जाती है, जिससे भक्ति की सभी परेशानियां दूर हो जाती है। साथ ही भोलेनाथ की कृपा हमेशा उन पर बनी रहती है।
मंत्र का जाप
हिंदू धर्म में मासिक और महाशिवरात्रि दोनों का विशेष महत्व होता है। इस दौरान शिव के भक्त सूर्योदय से पहले उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लेते हैं। इसके अलावा, पीपल और तुलसी के पेड़ पर इस दिन जल अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान शिव जी के महामंत्र “ओम नमः शिवाय” का भी जाप करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, पूजा में दूध, दही, घी, बेलपत्र, धतूरा अवश्य चढ़ाना चाहिए।
उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के 108 नाम का जप करने से जल्द ही विवाह के योग बन जाते हैं। साथ ही जीवन में चल रही सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस व्रत को करने से महादेव के भक्तों के जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। दुख, बीमारियां, दोष, आदि समाप्त हो जाते हैं। इस दिन रात के समय शिव मंत्रों का जाप करने पर विशेष लाभ मिल सकता है। भगवान को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं। इस दिन कुछ लोग घर पर भी कुछ ना कुछ वस्तु अवश्य खरीद कर लाते हैं, जो कि सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
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