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Thu, Dec 18, 2025

Karwa Chauth 2022 : इतने बजे होगा चंद्रमा का उदय, इस शुभ नक्षत्र में खुलेगा करवा चौथ का व्रत

Written by:Ayushi Jain
Published:
Karwa Chauth 2022 : इतने बजे होगा चंद्रमा का उदय, इस शुभ नक्षत्र में खुलेगा करवा चौथ का व्रत

धर्म, डेस्क रिपोर्ट। कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत रखा जाता है। ये व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। यह व्रत सुहागनों के लिए किसी पर्व से कम नहीं है। खास बात ये है कि सनातन धर्म में करवा चौथ सुहागन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार माना गया है। इस दिन शादी-शुदा महिलाएं पूरे सोलह शृंगार के साथ मां करवा की पूजा करती हैं। साथ ही सूर्योदय के समय सरगी ग्रहण करने के बाद सुहागन पूरे दिन निर्जला व्रत रहती हैं उसके बाद चंद्रोदय होने पर अर्घ्य देने के बाद उपवास का पारण करती हैं।

इतने बड़े होगा चंद्रोदय –

आपको बता दे, इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर, 2022 दिन रखा जाएगा। ज्योतिषों द्वारा बताया गया है कि करवा चौथ के दिन कृत्तिका नक्षत्र शाम 07 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। फिर रोहिणी नक्षत्र लग जाएगा। ये 14 अक्टूबर को रात 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।

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खास बात ये है कि इस इन चंद्रमा वृषभ राशि और सूर्य कन्या राशि में रहेंगे। ये भी बताया गया है कि करवा चौथ के दिन चंद्रोदय रात 8 बजकर 10 मिनिट पर होगा। सबसे अच्छी बात तो ये है कि रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ मनाया जाएगा। रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का पसंदीदा नक्षत्र है। ऐसे में चंद्रदेव को अर्घ्य देने से जीवन में खुशियां आती है। साथ ही दांपत्य जीवन भी खुशहाल होता है।

पूजन सामग्री –

कुमकुम, चावल, हल्दी, अबीर, गुलाल, मेहंदी, मौली, फूल, फल, प्रसाद आदि। रात में चंद्र दर्शन के बाद पति का चेहरा देखने के लिए छलनी। इसके साथ ही जल से भरा कलश या आचमनी। चौकी, करवा चतुर्थी पूजन का पाना इसका अर्थ ये है कि चित्र जिसमें चंद्रमा, शिव, पार्वती, कार्तिकेय आदि के चित्र बने होते हैं। करवा चौथ कथा की पुस्तक, धूप, दीप।

सुहाग की सामग्री –

हल्दी, मेहंदी, काजल, कंघा, सिंदूर, छोटा कांच, बिंदी, चुनरी, चूड़ी। करवे में भरने के लिए गेहूं, शकर, खड़े मूंग।