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Sun, Dec 21, 2025

नवपंचम राजयोग क्या है? कैसे होता है कुंडली में इसका निर्माण, जातकों को मिलते हैं जीवन में ये सुख

Written by:Ayushi Jain
Published:
नवपंचम राजयोग क्या है? कैसे होता है कुंडली में इसका निर्माण, जातकों को मिलते हैं जीवन में ये सुख

Navpancham Rajyog : व्यक्ति की कुंडली में कई तरह के ग्रहों की युति की वजह से राजयोग का निर्माण होता है। राजयोग कई जातकों को जीवन में मालामाल कर देता है तो कईयों को कंगाल भी कर देते हैं। राजयोग का ज्योतिष शास्त्र और वैदिक ज्योतिष में काफी ज्यादा महत्व माना गया है। कुंडली में मौजूद राजयोग व्यक्ति के जीवन का संघर्ष को काम कर देता है। हालांकि कुछ ही जातकों की कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है। जिन जातकों की कुंडली में राजयोग बनता है उन जातकों को जीवन में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है ना ही उनके पास धन और ऐश्वर्य की कोई कमी रहती है।

लेकिन जिन जातकों की कुंडली में राजयोग नहीं होता है उनका जीवन संघर्षों से गुजरता है साथ ही उनके जीवन में धन की कमी रहने के साथ ही वह कई परेशानियों से भी घिरे रहते हैं। वैसे तो राजयोग कई प्रकार के होते हैं लेकिन कुछ योग को काफी ज्यादा प्रभावशाली और महत्वपूर्ण माना गया है। 32 प्रकार के राजयोग में से आज हम आपको एक ऐसे योग के बारे में बताने जा रहे हैं जो व्यक्ति को धन लाभ पहुंचाने के साथ-साथ उसे अपर सफलता दिलवाता है। चलिए जानते हैं उस राजयोग के बारे में विस्तार से –

Navpancham Rajyog क्या है 

हम जिस राजयोग की बात कर रहे हैं वो है नवपंचम योग। शनि और मंगल की युति में सूर्य के प्रभाव से पहले ही निर्मित नव पंचम योग काफी ज्यादा मजबूत हो जाता है। इस योग की वजह से कई राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं। इस योग को काफी ज्यादा दुर्लभ माना जाता है।

इस योग की वजह से जातक विदेशी तक पढ़ाई करने के लिए चला जाता है। वहीं उसका फंसा हुआ धन भी वापस लौट आता है। करियर में काफी ज्यादा तरक्की हासिल होती है परिवार का भी उन्हें काफी ज्यादा सपोर्ट मिलता है और उनकी लव लाइफ भी अच्छी होती है।

ऐसे होता है इसका निर्माण

नव पंचमी राजयोग को काफी ज्यादा शुभ माना जाता है। यह योग शनि और शुक्र की युति से भी निर्मित होता है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो तब इस ग्रह का निर्माण होता है। इतना ही नहीं दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कौन बनता है, वहीं राशि फिर एक ही तत्व की होती है तब भी इसका निर्माण होता है।

जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में दो ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का को बनाते हैं तब नव पंचम योग बनता है। इस योग के बनने से कई राशियों पर इसका असर देखने को मिलता है। कुछ जातकों को अचानक धन लाभ होने लगता है।

वहीं उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक हो जाती है तो कुछ जातकों को जीवन में परेशानियां भी देखनी पड़ती हैं। ये योग कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस राजयोग की वजह से जातक जीवन में खूब तरक्की करता है साथ ही उसे आलीशान जीवन जीने का मौका मिलता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।