Navpancham Rajyog 2025 : हर ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इस दौरान एक राशि में दो या दो अधिक ग्रहों के आने से युति, संयोग और राजयोग का निर्माण होता है। इसी क्रम में ग्रहों के सेनापति मंगल और गूढ़गामी ग्रह वरुण की युति से 20 अप्रैल को नवपंचम राजयोग बनने जा रहा है, जो 3 राशियों के लिए लकी साबित होगा।
ज्योतिष के मुताबिक, भूमि, साहस, वीरता के कारक माने जाने वाले मंगल 45 दिनों में राशि परिवर्तन करते है, वर्तमान में वे कर्क राशि में विराजमान है।वही वरुण मीन राशि में स्थित है क्योंकि वे 14 वर्षों तक एक ही राशि में स्थित रहते हैं। 20 अप्रैल को वरुण व मंगल एक-दूसरे से 120 डिग्री पर होंगे, जिससे नवपंचम राजयोग का निर्माण होगा। आईए जानते है यह राजयोग किन राशियों के लिए लकी साबित होगा।

नवपंचम राजयोग किन राशियों के लिए होगा भाग्यशाली
कर्क राशि: वरुण मंगल की युति और नवपंचम राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। नौकरीपेशा को कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है। समाज में मान-सम्मान और पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी। हर क्षेत्र में सफलता मिलने के प्रबल योग है। अध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ेगा। धार्मिक यात्राओं पर जा सकते हैं। आय के नए स्त्रोत खुल सकते हैं। भविष्य को लेकर नई योजनाएं बन सकती हैं।
कन्या राशि: मंगल और वरुण का बना नवपंचम राजयोग काफी शुभ साबित हो सकता है।भाग्य का साथ मिलेगा। भौतिक सुखों की प्राप्ति हो सकती है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता पा सकते है। करियर में तरक्की मिल सकती है। पैतृक संपत्ति का लाभ मिल सकता है। लव लाइफ अच्छी रहेगी।पार्टनर के साथ रिश्ता मजबूत होगा ।
तुला राशि : मंगल वरूण का संयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। आय में वृद्धि हो सकती है। हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।नौकरी में पदोन्नति के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। बिजनेस में कोई बड़ी डील मिल सकती है। परिवार के साथ अच्छा वक्त बीतेगा।रूके अटके कामों को गति मिलेगी।
आईए जानते है नवपंचम राजयोग के बारें में
- ज्योतिष के मुताबिक, जब दो ग्रह पंचम दृष्टि अथवा त्रिकोणीय संबंध में स्थित होकर शुभ भावों में परस्पर दृष्टि डालते हैं, तब उस संयोग को नवपंचम राजयोग कहा जाता है। जब दो ग्रह एक दूसरे से त्रिकोण भाव में स्थित हो जाते हैं, दोनों ग्रहों के बीच 120 डिग्री का कोण बनता है तथा एक ही तत्व राशि होती है, तो नवपंचम राजयोग बनता है ।
- जैसै मेष, सिंह, धनु को अग्नि राशि, वृषभ, कन्या, मकर को पृथ्वी राशि, मिथुन, तुला, कुंभ को वायु राशि और कर्क वृश्चिक मीन को जल राशि माना जाता है, ऐसे में जब एक ही तत्व वाली दो राशियों में 2 ग्रह पहुंचकर 120 डिग्री का कोण, जिसे नक्षत्र के द्वारा भी जान सकते हैं, तो नवपंचम राजयोग बनता है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)