धर्म, डेस्क रिपोर्ट। नवरात्रि (Navratri) का पर्व शुरू होने वाला है। ऐसे में नवरात्रि के 9 दिन काफी ज्यादा पवित्र और महत्वपूर्ण माने जाते हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। साथ ही नवरात्रि में अष्टमी नवमी तिथि पर हवन करने का विशेष महत्व माना गया है। इस हवन को रीति रिवाज के अनुसार किया जाता है ताकि इससे सभी की परेशानियां खत्म हो और जीवन में खुशियां आए। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नवरात्र पर्व पर अष्टमी नवमी के हवन का विद्या विशेष महत्व है। साथ ही राशि के अनुसार कैसे और किन मंत्रों के जाप से इन हवन को पूर्ण किया जाता है। तो चलिए जानते हैं –
आपको बता दे, आप नवरात्रि में पूरे परिवार के साथ यज्ञ-हवन कर पूजन को पूर्णता प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डयै विच्चै नमः’ मन्त्र का हवन में जाप करना होगा। वो भी 108 बार।
Navratri : ऐसे करें राशि के अनुसार साधना क्रम –
मेष राशि – इस राशि के लोगों को भगवती तारा, नील-सरस्वती या माता शैलपुत्री माता की पूजा साधना करना चाहिए साथ ही हवन के लिए बीज मंत्र का उच्चारण करना चाहिए : श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं प्रीं ह्रां ह्रीं सौं
वृषभ राशि – इस राशि के जातकों को माता भगवती षोडशी-श्री विद्या की पूजा साधना करना चाहिए। आप माता ब्रह्मचारिणी की भी साधना कर सकते हैं। साथ ही आपको हवन के लिए बीज मंत्र के लिए इस मंत्र का उच्चारण करना होगा श्रौं श्रीं ह्सूं हौं ह्रीं अं क्लीं चां मुं डां यैं विं च्चें।
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मिथुन राशि – इस राशि के लोगो को माता भुवनेश्वरी या फिरर= माता चन्द्रघंटा की साधना करना चाहिए। इसके साथ ही हवन के बीज मंत्र : श्रौं प्रीं ओं ह्रीं ल्रीं त्रों क्रीं ह्लौं ह्रीं श्रीं का उच्चारण करना चाहिए।
कर्क राशि – कर्क राशि के लोगों को माता कमला या फिर माता सिद्धिदात्री की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : श्रौं ओं त्रूं ह्रौं क्रौं श्रौं त्रीं क्लीं प्रीं ह्रीं ह्रौं श्रौं का उच्चारण करना चाहिए।
सिंह राशि – इस राशि के जातकों को माता पीताम्बरा या फिर माता कालरात्रि की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : श्रौं रीं रूं क्लीं दुं ह्रीं गूं लां ह्रां गं ऐं श्रौं का उच्चारण करना चाहिए।
कन्या राशि – इस राशि के लोगों को माता भुवनेश्वरी या फिर माता चन्द्रघंटा की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : श्रौं सां श्रीं जुं हं स: का उच्चारण करना चाहिए।
तुला राशि – इस राशि के लोगों को श्री विद्या में माता षोडशी और माता ब्रह्मचारिणी की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : श्रौं ओं त्रूं ह्रौं क्रौं श्रौं त्रीं क्लीं प्रीं ह्रीं ह्रौं श्रौं का उच्चारण करना चाहिए।
वृश्चिक राशि – इस राशि के लोगों को भगवती तारा या फिर माता शैलपुत्री की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : सौः ह्लौं क्रूं सौं का उच्चारण करना चाहिए।
धनु राशि – इस राशि के लोगों माता कमला या फिर माता सिद्धिदात्री की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : श्रौं ह्रीं ब्लूं ह्रीं म्लूं ह्रं ह्रीं ग्लीं श्रौं धूं हुं द्रौं श्रीं का उच्चारण करना चाहिए।
मकर राशि – इस राशि के लोगों माता काली या फिर माता सिद्धिदात्री की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : ह्रीं ओं श्रीं ईं क्लीं क्रूं श्रूं प्रां क्रूं का उच्चारण करना चाहिए।
कुंभ राशि – इस राशि माता काली या माता सिद्धिदात्री की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : श्रौं व्रीं ओं औं ह्रां श्रीं श्रां ओं प्लीं सौं ह्रीं का उच्चारण करना चाहिए।
मीन राशि – इस राशि के लोगों में माता कमला या फिर माता सिद्धिदात्री की साधना करनी चाहिए। हवन के लिए बीज मंत्र : ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामण्डायै विच्चे | ओम ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा का उच्चारण करना चाहिए।