Navratri : इस माता मंदिर में विराजित है 3 देवियां, निसंतानों को देती हैं संतान प्राप्ति का वरदान

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उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। नवरात्रि (Navratri) का त्यौहार चल रहा है और आज नवरात्रि का पांचवा दिन है। जैसा कि आप सभी जानते हैं नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। वहीं प्रदेश भर में माता मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ रहता है। ऐसा ही एक मंदिर है जहां पर भक्तों का मां के प्रति आस्था काफी ज्यादा देखने को मिलती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में मां के दर्शन करने से ही कष्टों का निवारण हो जाता है।

साथ ही भक्तों की पूरी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। इतना ही नहीं संतान प्राप्ति के लिए भी यहां किए गए सिर्फ एक उपाय से ही जीवन खुशहाल बन जाता है। जी हां आज हम आपको मध्य प्रदेश का एक ऐसा मंदिर बताने जा रहे हैं जो इंदौर से करीब 160 किलोमीटर के अंदर पड़ता है। आपको बता दें हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह है मां बगलामुखी मंदिर। जी हां, यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से 100 किलोमीटर दूर ईशान कोण के आगर मालवा जिले से 30 किलोमीटर दूर नलखेड़ा में स्थित है।

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यहां नवरात्रि के दौरान भक्तों का काफी ज्यादा तांता देखने को मिलता है। इस मंदिर की मान्यता भी काफी ज्यादा है। यहां दूर-दूर से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं। भक्तों को मां के ऊपर इतना विश्वास है कि उनकी हर मनोकामनाएं सिर्फ दर्शन मात्र से ही पूर्ण हो जाती है। आपको बता दें मां बगलामुखी की पावन मूर्ति विश्व में सिर्फ तीन जगहों पर ही विराजत है। जगह में शामिल है नेपाल, मध्य प्रदेश के दतिया और मध्य प्रदेश के नलखेड़ा में है।

मध्यप्रदेश के नलखेड़ा में मां पितांबर रूप में शाश्वत काल से विराजित है। इस मंदिर को शक्तिपीठ के रूप से भी जाना जाता है। अब बात करी मां के रूप की तो बगलामुखी मंदिर में माता ने सोने जैसे पीले रंग और चांदी जैसे सफेद फूलों की माला धारण की हुई है। इस मंदिर में तीन देवियां विराजित है ऐसे में त्रिशक्ति का दिव्य रूप सभी को आकर्षित करता है। इस मंदिर में अनादि काल से ही भक्तों का तांता लगा हुआ रहता आया है। यहां भक्त मुराद मांगने के साथ-साथ हाजिरी लगाने भी आते हैं।

Navratri : संतान प्राप्ति के लिए –

आपको बता दें बगलामुखी मंदिर की प्रतिमा पितांबर स्वरूप है। ऐसे में माता को पीले रंग की सामग्री चढ़ाई जाती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में संतान प्राप्ति के लिए मंदिर के पीछे वाली दीवार पर स्वास्तिक बनाने की परंपरा है। मंदिर की दीवार पर स्वास्थ्य बनाने से ही भक्तों की संतान प्राप्ति वाली मुराद पूरी हो जाती है। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में हवन की क्रियाओं को संपन्न कराने का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि मां के सामने हवन करने से कष्टों का निवारण होने के साथ-साथ सफलता के अवसर प्राप्त होने लगते हैं।


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Ayushi Jain

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