भारत में एक से बढ़कर एक प्रसिद्ध काली मंदिर बनी हुई हैं। देश के हर एक कोने में, खासकर पूर्वोत्तर इलाकों में मां काली की पूजा का महत्व है। हिंदू धर्म की नौ देवियों में से एक काली मां अपने भक्तों की रक्षा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि वह अपने भक्तों को सभी संकटों से बचाती हैं, साथ ही उन्हें मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर ले जाती हैं। काली मां के कालिका, महाकाली, भद्रकाली, कपालिनी, दक्षिण काली जैसे नाम से जाना जाता है, जो कि शक्ति की देवी होती हैं। इसके अलावा, सनातन धर्म में उन्हें समय और परिवर्तन की देवी भी माना जाता है। वह उग्र प्रकृति वाली देवी कहलाती हैं, जिनकी पूजा खास तौर पर शनिवार और शुक्रवार को किया जाता है।
इसके अलावा, पूर्वी राज्यों में दीपावली की रात मां काली की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उन्हें प्रसाद के तौर पर भोग भी चढ़ाया जाता है।
नया दंगा काली मंदिर (Naya Danga Kali Mandir)
यदि आप भी मां काली के भक्त हैं और किसी ऐसे मंदिर की तलाश में हैं, जो अपने आप में अलग रहस्य समेटे हुए है, तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे, जो कि सभी मंदिरों से अलग है। दरअसल, इस मंदिर का नाम नया दंगा काली मंदिर है, जो कि झारखंड राज्य के धनबाद जिले में स्थित है। इस मंदिर में सालों भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। खास त्यौहार के अलावा, काली पूजा के अवसर पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जहां जिले भर के लोग पहुंचते हैं।
सालों पूराना है इतिहास
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यहां मां काली के अलावा माता दुर्गा अपनी सात बहनों के साथ यहां रहती हैं। इस मंदिर के बगल में खुड़िया नदी बहती है, जहां पहले मां विराजमान थीं। ब्रिटिश काल से यहां पर मां काली की पूजा की जा रही है। हालांकि, समय बीतता गया, बाद में यहां से कोयला निकालने का काम शुरू कर दिया गया। काम को विराम देने के बाद, कोयलारी प्रबंधन ने इस मंदिर की स्थापना को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया, लेकिन ग्रामीण लगातार यहां छोटी सी मंदिर बनाकर माता की पूजा अर्चना करते रहे।
इस तरह किया गया निर्माण
लंबा समय बीत जाने के बाद श्री श्री काली मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। ग्रामीणों ने मंदिर बनाने के लिए आपस में चंदा एकत्रित किया और भाव ड्रैगन मंदिर का निर्माण किया। इस मंदिर की शैली बिल्कुल ड्रैगन के जैसे है, लेकिन यहां मां काली, मां दुर्गा के अलावा भगवान शिव, भगवान शनि, राम भक्त हनुमान, विष्णु, ब्रह्मा, मां बगलामुखी देवी श्री गणेश, शिवङ्क्षलग, मां पार्वती की प्रतिमाएं विराजमान हैं। जिनकी नियमित तौर पर पूजा-अर्चना की जाती है। सुबह और शाम दो टाइम पुजारी द्वारा आरती उतारी जाती है। रात के समय यहां का नजारा बेहद खास होता है। अक्सर शाम के समय महिलाओं का झुंड यहां अपना समय बितानें आती हैं। काली पूजा के समय मंदिर परिसर में बहुत ही बड़ा मेला लगता है, जहां एक से बढ़कर एक झूले, खाने-पीने की चीजें मिलती हैं।
काली पूजा के दौरान लगता है मेला
बता दें कि धनबाद जिले के निरसा विधानसभा में स्थित नया दंगा काली मंदिर, भारतीय और चीनी वास्तु शास्त्र का अद्भुत संगम है। इस मंदिर को चीन, इंडोनेशिया और थाईलैंड के वास्तु शास्त्र को मिलाकर बनाया गया है। मंदिर के छज्जू के चारों ओर ड्रैगन की मूर्तियां लगाई गई हैं, जिससे यह मंदिर अपने आप में काफी अलग और अनोखा है। मंदिर के मुख्य द्वार पर पेड़-पौधे भी लगाए गए हैं।
केवल इतना ही नहीं, मंदिर के चारों कोने पर ताजमहल की तरह मीनार बनाई गई है, जिसमें माता काली की मूर्ति स्थापित है। मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को उचित सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बेंच भी बनाए गए हैं। हर वीकएंड पर यहां आसपास के लोग अपने परिवार के साथ जाते हैं। यहां एक साथ कई भगवान के दर्शन करने के साथ ही उन्हें इस अनोखे मंदिर को भी देखने का मौका मिलता है। धीरे-धीरे इस मंदिर को और भी आकर्षित बनाने का काम जारी है।
आप भी जाएं घूमने
यदि आप भी इस अनोखे ड्रैगन जैसी शैली में बनाए गए मंदिर को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आप यहां जा सकते हैं। यहां जाकर आपको आध्यात्मिक शांति मिलेगी। यहां के मंदिरों में प्रवेश करते ही आपको ऐसा लगेगा कि आप भारत के मंदिर में नहीं, बल्कि चीन में पहुंच गए हैं। हालांकि, यह अब बिल्कुल सपने जैसा होगा। मंदिर परिसर में ही बच्चों के खेलने के लिए झूले भी लगाएं गए हैं। इसके अलावा, शाम के समय परिसर के बाहर कई सारी दुकानें भी लग जाती है, जहां मंदिर से निकलने के बाद भीड़ भी लगती है।





