हर व्यक्ति अपने जीवन में अध्यात्म को जगह जरूर देता है। अध्यात्म एक ऐसी ऊर्जा है, जो हमें ईश्वर से जोड़ने और अपने कर्मों को अच्छा रखने की क्षमता देती है। जो व्यक्ति शांति और सुकून की प्राप्ति करना चाहते हैं। वह आध्यात्मिक स्थान पर जाकर इस ऊर्जा को महसूस कर सकता है। नीम करोली बाबा का कैंची धाम भी एक ऐसी ही जगह है।
बाबा 20वीं सदी के एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने लोगों को जीवन के असली दृष्टिकोण से रूबरू करवाने का काम किया है। उन्होंने कुछ ऐसे उपदेश दिए हैं जिन्हें अगर हम अपना लें तो मानव जीवन को सार्थक बना सकते हैं। अगर आप अपने जीवन में किसी तरह की परेशानी में घिरे हुए हैं। मुश्किलों का समाधान आपको प्राप्त नहीं हो पा रहा तो नीम करोली बाबा की शिक्षाएं आपके काम आ सकती है।
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नीम करोली बाबा की शिक्षाएं (Neem Karoli Baba)
मेहनत और इच्छाशक्ति
नीम करोली बाबा के उपदेश के मुताबिक व्यक्ति को अपने जीवन में मेहनत करने से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। जो व्यक्ति जितनी मेहनत करता है, उसकी सफलता भी उतनी ही बड़ी होती है। केवल सोचने भर से सफलता नहीं मिलती उसके लिए काम करना पड़ता है। हम मेहनत कर सकें और काम पूरा कर सकें इसके लिए खुद पर दृढ़ विश्वास और एक अटल दृढ़ निश्चय होना भी जरूरी है। दृढ़ निश्चय ही हमें मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है और उपहार में सफलता देता है।
पैसों का सदुपयोग
पैसा हम सभी के जीवन से जुड़ी ऐसी वस्तु है। जिसके बिना आज के मानव जीवन की कल्पना कर पाना मुश्किल है। छोटी से लेकर बड़ी हर चीज पैसों से ही मिलती है। यही कारण है कि हर व्यक्ति पैसा कमाने के लिए बहुत मेहनत करता है। हम मेहनत करके पैसा तो कमा लेते हैं, लेकिन इसका उपयोग कैसे करते हैं। उसका हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर होता है। कई बार इनकम तो होती है लेकिन खर्च इतना ज्यादा होता है कि हम धन बचा ही नहीं पाते। यह आदत हमें एक दिन आर्थिक तंगी में डाल देती है। पैसों की कमी मानसिक रूप से हमें परेशान करती है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम जो धन कमा रहे हैं उसके सदुपयोग पर ध्यान दें और वहीं खर्च करें जहां खर्च करने की जरूरत हो।
पहचानें गलती और कमजोरी
नीम करोली बाबा कहते हैं कि व्यक्ति को कभी भी अपनी कमजोरी या गलती छुपाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। हर व्यक्ति का अपना व्यक्तित्व, गुण, क्षमता और ऊर्जा है और वह सभी काम उसी के मुताबिक करता है। अगर आप किसी चीज में कमजोर है या फिर आपसे कोई गलती हो गई है। उसे छुपाने की जगह अगर आप उसे स्वीकार करते हैं, तो आपको बेहतर आत्म मूल्यांकन का समय मिलता है। इस तरह से आप खुद की कमजोरी को पहचान सकेंगे और आगे दोबारा उस गलती को करने से बच सकेंगे। इससे व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण बनाकर चल सकता है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।