Surya Grahan 2025 : इस महीने में लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण, भारत में दिखेगा ? जानिए तारीख सूतककाल और धार्मिक महत्व

साल का दूसरा सूर्य ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा. जिस वजह से इस ग्रहण का इस राशि और नक्षत्र के लोगों पर ज्यादा प्रभाव देखने को मिल सकता है।

2nd Surya Grahan 2025: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है ।खास करके धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को महत्वपूर्ण माना गया है। 29 मार्च चैत्र अमावस्या के दिन साल का पहला आशिंक सूर्य ग्रहण लगा था हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं दिया था और ना ही सूतक काल मान्य हुआ। अब साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण सितंबर में लगेगा।

ज्योतिष के मुताबिक, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 अमावस्या को लगेगा। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।यह ग्रहण रात 11 बजे शुरू होगा और सुबह 4 बजे तक चलेगा, ऐसे में यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा और ना ही इसका सूतक काल मान्य होगा। यह ग्रहण भारत को छोड़कर ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर में दिखेगा।

कब लगता है सूर्य ग्रहण?

  • ज्योतिष के मुताबिक, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है, तो सूर्य ग्रहण लगता है।
  • जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक लाइन में सीधे नहीं होते। इस कारण चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढक पाता है, वही अन्य सूर्य ग्रहण में लोकेशन के कारण भी आंशिक सूर्य ग्रहण दिखता है।
  • वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी से दूर हो। तब यह पूरी तरह सूर्य को ढक नहीं पाता, जिस कारण हमें सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान में एक ‘आग की रिंग’ दिखती है।
  • हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को वलयाकार-पूर्ण ग्रहण कहा जाता है। इसमें यह सूर्य को पूरी तरह ढंकता है, लेकिन कुछ हिस्सा खुला रह जाता है।

ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं?

  • ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए।
  • ग्रहण के अवधि के दौरान घर के पूजा वाले स्थान को पर्दे से ढक दें।
  • ग्रहण में भूलकर भी देवी-देवताओं की पूजा नहीं करना चाहिए।
  • ग्रहण के दौरान खाना-पीना नही चाहिए।
  • खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए
  • ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, उन्हें घर से
    बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए।
  • ग्रहण के सूतक काल में भोजन बनाना, खाना, सोना, बाल काटना, तेल लगाना, सिलाई-कढ़ाई करना और चाकू चलाना नहीं चाहिए।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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Pooja Khodani

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