द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर लगाएं बप्पा को इन चीजों का भोग, मिलेगा मनचाहा वरदान!

द्विजप्रिय चतुर्थी संकष्टी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं।

Sanjucta Pandit
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Dwijapriya Sankashti Chaturthi : हिंदू धर्म में सालों भर कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। जिनमें होली, दिवाली, चतुर्थी, रक्षाबंधन, दुर्गा पूजा, छठ पूजा, सहित अन्य कई पर्व त्यौहार शामिल है। कुछ पर्व रीजनल स्तर पर मनाया जाते हैं, तो कुछ त्यौहार नेशनल लेवल पर मनाए जाते हैं। इस दौरान लोगों में अलग तरह का उत्साह देखने को मिलता है और पहले से ही तैयारी में लग जाते हैं।

इसी कड़ी में आज यानी 16 फरवरी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना करने पर कारोबार में सफलता मिलती है।

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मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 15 फरवरी को रात 11:52 पर शुरु हो चुका है। जिसका समापन 17 फरवरी को रात 2:15 पर होगा। ऐसे में 16 फरवरी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जा रहा है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। हिंदी पंचांग के अनुसार, फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय चतुर्थी संकष्टी मनाया जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने पर कारोबार में उन्नति होती है। परिवार के सदस्यों की तरक्की होती है। सुख-समृद्धि आती है, पैसों की कभी कोई तंगी नहीं होती।

लगाएं इन चीजों का भोग

  • यदि आप भी भगवान गणेश को इस व्रत के जरिए प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उनके प्रिय चीजों का भोग लगे, जिससे मनचाहा वर प्राप्त होगा। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होगा।
  • आप गणपति बप्पा को मोदक का भोग लगा सकते हैं, जो कि उनका अति प्रिय भोजन माना जाता है। इससे वह अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं, जिससे जातकों की सभी मुरादे पूरी होती है।
  • इसके अलावा, गणपति बप्पा को लड्डू का भोग लगाया जा सकता है। यह मोतीचूर के लड्डू हो, तो वह अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
  • भक्त नारियल, फल, दूध, दही का भी भोग लगा सकते हैं, जिससे जीवन में चल रही सारी बढ़ाएं दूर हो सकती हैं।
  • पूजा के दौरान थाली में मोदक लड्डू के अलावा कलाकंद, खीर, आदि भी चढ़ा सकते हैं। इन चीजों का भोग लगाने से असीम फलों की प्राप्ति होगी।

महत्व

मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि का देवता माना जाता है। उनकी पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं। संकष्टी का अर्थ संकटों का नाश करने वाला होता है। इसलिए लोग इस दिन अपनी सारी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए संकष्टी व्रत रखते हैं। यह व्रत लोगों के लिए काफी शुभ माना जाता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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