धर्म, डेस्क रिपोर्ट। साल 2022 का एक बार फिर ग्रहण (Eclipse 2022) लगने वाला है।साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2022) अप्रैल में लगेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत समेत विश्व के कई देशों में दिखाई देगा। भारत में इसे आंशिक सूर्य ग्रहण माना जाएगा।धार्मिक मान्यता है कि सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा के आने से सूर्यग्रहण लगता है। इस दौरान चंद्र और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है। इसका राशियों और मनुष्यों पर भी असर पड़ेगा।
Eclipse 2022: इस बार लगेंगे 2 सूर्य ग्रहण-2 चन्द्र ग्रहण, राशियों पर पड़ेगा असर, जानें डेट-टाइम
साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) 30 अप्रैल 2022 को लगेगा।यह सूर्य ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा इसका प्रभाव दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से लेकर शाम के 04 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) आंशिक रहेगा, इस सूर्य ग्रहण को दक्षिणी और पश्चिमी अमेरिका, पेसिफिक अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा। वहीं इस सूर्य ग्रहण का सूतक का मान्य नहीं होगा। इस समय राहु और केतु की बुरी छाया पृथ्वी पर पड़ती है। इसके चलते समस्त पृथ्वी वासी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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आम तौर पर ग्रहण को खगोलीय घटना माना जाता है, जिसका वैज्ञानिक आधार होता है। लेकिन हिन्दू मान्यताओं और ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इसका एक अलग महत्व और मान्यता हैं।सभी सूर्य ग्रहण पूर्णिमा तिथि को होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता, लेकिन इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। ग्रहण के दौरान लोग गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण जब भी लगता है तो इसका प्रभाव देश-दुनिया पर देखने को मिलता है, वही मेष से लेकर मीन राशि तक भी इसका असर पड़ता है।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- ज्योतिषीय के अनुसार, सूतक काल में बालक, वृद्ध एवं रोगी को छोड़कर अन्य किसी को भोजन नहीं करना चाहिए।
- सूतक काल लगते ही तुलसी या कुश मिश्रित जल को खाने-पीने की चीजों में रखना चाहिए।
- गर्भवतियों को खासतौर से सावधानी रखनी चाहिए।
- सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते।
- घर में भी मंदिर को कपड़े से कवर कर देना चाहिए। इस दौरान कोई पूजा पाठ नहीं किया जाता है।
- ग्रहण समाप्ति के बाद देवी-देवताओं को स्नान कराकर मंदिर फिर से खोले जाते हैं।
- ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें।
- ग्रहण (Solar) को खुली आंखों से न देखें। ग्रहणकाल के दौरान गुरु प्रदत्त मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।