Parivartan Rajyog : ज्योतिष शास्त्र और वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, कुंडली में ग्रहों के परिवर्तन और गोचर से राजयोग का निर्माण होता है। जब दो ग्रह आपस में आदान प्रदान करते हैं तब शुभ योग निर्मित होता है। कुंडली में मौजूद राजयोग जातकों को हर रूप में परिपूर्ण बना देता है।
राजयोग की वजह से व्यक्ति के जीवन में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आती है। जातक के पास धन की भी कमी नहीं होती है और ना ही सफलता में किसी तरह की कोई कमी रहती है। लेकिन जिनकी कुंडली में ये नहीं पाया जाता है उसे थोड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, राजयोग 32 प्रकार के होते हैं। इन 32 में से कुछ योग बेहद शुभ और प्रभावशाली माने जाते हैं। आज हम आपको इन्हीं में से एक योग के बारे में बताने जा रहे हैं जो जातकों की किस्मत बदल के रख देता है। इस योग की वजह से जातकों के पास धन की कोई कमी नहीं होती है। हम बात कर रहे हैं परिवर्तन राजयोग के बारे में। चलिए जानते हैं क्या होता है परिवर्तन राजयोग और कैसी होता है उसका निर्माण?
Parivartan Rajyog क्या है?
जब जन्मकुंडली में ग्रहों के स्वामी भाव का संयुक्त रूप से आदान-प्रदान होता है तब इस योग का निर्माण होता है। परिवर्तन मतलब केवल राशियों का आदान-प्रदान नहीं होता है। इस योग में दोनों ग्रह एक समान कार्य करते हैं। परिवर्तन का शाब्दिक अर्थ है “विनिमय”। ये बेहद शक्तिशाली योग माना जाता है। इस योग की वजह से कई लोगों की किस्मत चमक उठती है।
हालांकि कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के भाव शामिल होते हैं, इसलिए परिवर्तन योग भी ग्रहों की स्थिति के अनुसार शुभ या अशुभ हो सकते हैं। ये तीन प्रकार के होते हैं – महा परिवर्तन योग, दैन्य योग और खल योग।
इस योग की वजह से जातकों को अच्छे परिणाम मिलते हैं। ये योग उनके लक्ष्य की पूर्ण सिद्धि में मदद करता है। इस योग की वजह से जातकों को धन समृद्धि और अधिक मान सम्मान की प्राप्ति होती है। इस योग वाले जातकों को भाग्यशाली माना जाता है।
डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।