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Fri, Dec 5, 2025

कब है पौष माह की शिवरात्रि 2025? शुभ मुहूर्त जानकर आप भी करेंगे रातभर शिव आराधना

Written by:Bhawna Choubey
पौष मास की मासिक शिवरात्रि इस साल भक्तों के लिए खास मानी जा रही है। 18 दिसंबर को पड़ने वाली यह शिवरात्रि जीवन की बाधाएं दूर करने, धन-समृद्धि और मानसिक शांति दिलाने वाली बताई जाती है। पूजा का शुभ मुहूर्त जरूर जान लें।
कब है पौष माह की शिवरात्रि 2025? शुभ मुहूर्त जानकर आप भी करेंगे रातभर शिव आराधना

दिसंबर की सर्द रातें जब धीरे-धीरे अपने अंतिम पड़ाव पर होती हैं, तब भक्तों के लिए एक ऐसी तिथि आती है, जिसे पूरे वर्ष भर बेहद शुभ माना जाता है, पौष मास की मासिक शिवरात्रि (Paush Masik Shivratri)। यह वही रात है जब शिवभक्त मौन रहते हुए, दीप-धूप और मंत्रों के बीच महादेव की साधना में डूब जाते हैं। कई लोग पूरे साल इस व्रत का इंतजार करते हैं, क्योंकि इसे कष्टों को दूर करने और मन की हर उलझन को सुलझाने वाला व्रत कहा जाता है।

इस बार की मासिक शिवरात्रि 18 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी, और दिलचस्प बात यह है कि यह साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि भी है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि यह तिथि विशेष फलदायी है और महादेव की कृपा पाने का दुर्लभ अवसर मानी जाती है। अगर आप भी व्रत रखने की सोच रहे हैं, या केवल शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो यह पूरी रिपोर्ट आपके लिए ही है।

पौष मासिक शिवरात्रि 2025 की सही तिथि और समय

पौष मास की मासिक शिवरात्रि हर वर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि दिसंबर के तीसरे सप्ताह में पड़ रही है, जो भक्तों के लिए विशेष शुभ मानी जाती है। पौष मासिक शिवरात्रि 2025 इस बार 18 दिसंबर, गुरुवार को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि 18 दिसंबर को सुबह 10:21 बजे शुरू होगी और अगले दिन 19 दिसंबर को सुबह 08:54 बजे समाप्त होगी।

शिव भक्तों के लिए ये समय बेहद शुभ माना गया है, क्योंकि ज्योतिष के अनुसार रात्रि के चारों पहर भगवान शिव की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ होते हैं। इस वर्ष पौष मास की शिवरात्रि ऐसे संयोग में आ रही है जब चंद्रमा की स्थिति और पंचांग दोनों ही अत्यधिक अनुकूल माने जा रहे हैं, जिससे पूजा का फल और भी अधिक बढ़ जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ रात्रि में श्रद्धा से की गई शिव आराधना मनोकामनाओं की पूर्ति और शुभ फल प्रदान करती है। मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व: क्यों माना जाता है बेहद प्रभावी?

1. मन की शांति और नकारात्मकता से मुक्ति
कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि की रात महादेव के ध्यान में बैठने से मन में उलझनें कम होती हैं। पौष की यह आखिरी शिवरात्रि विशेष रूप से मनोबल को बढ़ाने वाली मानी गई है।

2. पारिवारिक समस्याओं का समाधान
ज्योतिष के अनुसार शिवजी को प्रसन्न करने से गृहस्थ जीवन में चल रही परेशानियाँ धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। कई परिवार इस व्रत को सामूहिक रूप से रखते हैं।

3. धन-लाभ और करियर में वृद्धि
रुद्राभिषेक और शिव नामस्मरण को लक्ष्मी प्राप्ति और करियर ग्रोथ से भी जोड़ा गया है। पौष महीने का यह व्रत इन फलदायी परिणामों को बढ़ाता है।

4. स्वास्थ्य लाभ और मानसिक मजबूती
शिवरात्रि के व्रत में प्राणायाम, ध्यान और मंत्रजप के कारण शरीर हल्का और मन शांत रहता है। यह तनाव को कम करता है और नींद को भी बेहतर बनाता है।

पौष मासिक शिवरात्रि पर शिव पूजा कैसे करें?

अगर आप पहली बार पौष मासिक शिवरात्रि व्रत कर रहे हैं, या हर साल की तरह इस बार भी विधि-विधान से पूजा करना चाहते हैं, तो ये सरल और पारंपरिक विधियां आपको घर पर ही शुभ पूजन में मदद करेंगी।

1. प्रातः स्नान और संकल्प
सुबह स्नान कर साफ कपड़े पहनें और शिवजी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें कि आप पूरे मन, भाव और श्रद्धा से यह व्रत रखेंगे।

2. दिनभर व्रत और सात्त्विक भोजन
अधिकतर लोग निर्जला या फलाहार करते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के अनुसार हल्का सात्त्विक भोजन भी किया जा सकता है।

3. रात में शिवालय या घर में पूजा
रात के चारों प्रहर में शिवजी पर जल, दूध, शहद, गंगाजल, दही और बेलपत्र चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप अत्यंत फलदायी है।

4. दीपक और धूप जलाना
पूरे घर और पूजा स्थान पर दीप जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।