हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। लेकिन 2025 के भाद्रपद महीने का पहला प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इसे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्ति का दिन माना जाता है।
इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और विशेष वस्तुएं अर्पित करते हैं। मान्यता है कि सही तरीके से पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है, बाधाएं दूर होती हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है।
तिथि, मुहूर्त और पूजा की खास बातें
व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत 2025 में [यहां सटीक तिथि डालें] को पड़ेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के समय, सूर्यास्त के बाद लगभग 1 से 1.5 घंटे तक रहेगा। इस समय भगवान शिव की आराधना करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं
इस व्रत में शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भस्म और सफेद पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि भाद्रपद के प्रदोष व्रत में ये वस्तुएं अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
पूजा-विधि और मान्यता
सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें। दिनभर उपवास रखते हुए शिव मंत्रों का जाप करें। शाम को शुभ मुहूर्त में शिवलिंग का अभिषेक करें और नैवेद्य अर्पित करें। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पाप कटते हैं, धन-धान्य की वृद्धि होती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।





